Posts

Showing posts from August 7, 2016

योगा में बनाए अपना करियर : बढ़ रहे हैं नौकरी के स्कोप

            महीने पहले ही 100 श्रेष्ठ नौकरियों की सूची में योगा इंस्ट्रक्टर को भी शामिल किया गया था।आपको बता दें कि विदेशों में खासकर अमेरिका में योगा का ट्रेंड बढ़ने से वहां योगा इंस्ट्रक्टर के नौकरी के मौके बढ़ रहे हैं।           सैलरी और कम्फर्ट के मामले में योगा इंस्ट्रक्टर को एक अच्छी नौकरी माना जाता है। अमेरिका में एक अनुभवी योगा इंस्ट्रक्टर की सालाना कमाई करीब 42 लाख रुपये तक होती है।           इसी तरह भारत में भी योगा के फील्ड में नौकरी के कई मौके आ रहे हैं। आइए जानते हैं कहां है नौकरियां।           केंद्र सरकार ने फिजिकल एजुकेशन प्रोग्राम के तहत छठी से दसवीं क्लास के बच्चों के लिए केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों में योग को एक ऑप्शनल विषय रखा है। इसके लिए प्रशिक्षित योग शिक्षकों की जरूरत है।            मध्य प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्य सरकारों ने सरकारी स्कूलों में योग को एक पूर्ण विषय के रूप में शामिल किया है। इसके लिए भी प्रशिक्षित योगा टीचर्स की काफी संख्या में जरूरत होगी।             कई बड़े प्राइवेट स्कूल भी अब योगा को एडिशनल विषय के रूप में अपने शिड्यूल में शामिल कर रह

शिक्षामित्रों को बीएड/बीटीसी बेरोज़गारों की तरह पात्रता सिद्ध करने की ज़रूरत नहीं ; "मिशन सुप्रीम कोर्ट"

            ये एक ऐसा सत्य है जिसे बीएड/बीटीसी बेरोज़गारों के स्वयंभू और तथाकथित आरटीई एक्टिविस्ट नेता स्वीकारना नहीं चाहते। बल्कि ये कहना ज़्यादा ठीक होगा कि चंदे के धंधे के कारण मानना नहीं चाहतेहैं।            एक सामान्य समझ रखने वाला व्यक्ति भी ये स्वीकार करेगा कि कोई भी पात्रता परीक्षा नौकरी पाने के इच्छुक व्यक्ति को देना होती है न कि 15 साल से कार्यरत शिक्षक को।             मीडिया में लगातार टेट से छूट मिलने या न मिल पाने के समाचार देखने सुनने को मिलते हैं। जबकि ये सभी स्वीकार करते हैं कि शिक्षामित्र पूर्व नियुक्त शिक्षक हैं। आईये बीएड/बीटीसी बेरोज़गारों का ज्ञानवर्धन करते हैं:-             माननीय सुप्रीम कोर्ट कार्यालय कमिश्नर और एमएचआरडी एनसीटीई प्रतिनिधियों ने अब से ठीक तीन साल पहले तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश को शिक्षामित्रों को सेवारत शिक्षक बताते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट को एमएचआरडी भारत सरकार ने अपने हलफनामे के साथ साथ अनुच्छेद 21क को लागू करने के लिए की गई कार्यवाही का विवरण भी माननीय सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया।            ●ये सब साक्ष्य "मिशन सुप