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Showing posts from April 3, 2016

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अलग-अलग पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं ; 13 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन शुरू,प्रवेश परीक्षाएं 25 से 30 मई के बीच

             इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अलग-अलग पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं 25 से 30 मई के बीच आयोजित होंगी। प्रवेश प्रकोष्ठ की ओर से शनिवार को नोटिफिकेशन के साथ विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया।              स्नातक  प्रवेश परीक्षा (यूजीएटी) के लिए 13 से अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन शुरू होगा। आखिरी तारीख आठ मई है। अन्य पाठ्यक्रमों के लिए 19 अप्रैल से आवेदन शुरू होगा। आवेदन नौ मई तक किया जा सकेगा।              विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस बार प्रवेश की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। सिर्फ यूजीएटी के लिए ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन का भी विकल्प दिया गया है। अन्य पाठ्यक्रमों के लिए सिर्फ ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा होगी।             सभी पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन सिर्फ ऑनलाइन लिया जाएगा। प्रवेश प्रकोष्ठ ने यूजीएटी, परास्नातक प्रवेश परीक्षा (पीजीएटी), लॉ फाइव ईयर एडमिशन टेस्ट (एलएफएटी), लॉ एडमिशन टेस्ट (एलएटी) बीएड, एलएलएम, एमएड, संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) के साथ इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल कोर्सेज (आईपीएस) में संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर

पूरे यूपी में बांटी गईं डिग्रियां ; SIT जांच में है खुलासा, शास्त्री और आचार्य की भी डिग्रियां बनीं

            उत्तर प्रदेश में फर्जी डिग्रियों का एक बड़ा नेटवर्क  सामने आया है। जो लोग कभी स्कूल या कालेज गए ही नहीं उन्होंने बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल कर ली हैं।              इतना ही नहीं, इन्हीं फेक डिग्रियों के सहारे बाकायदा सरकारी महकमों में नौकरी भी हासिल कर ली। इस प्रकार के मामले सामने आने के बाद शासन ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को इसकी जांच सौंपी थी।             उत्तर प्रदेश में आचार्य, शास्त्री और मध्यमा की बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियां बांटने की आशंका जताई गई है। ये डिग्रियां संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी वाराणसी के नाम से जारी की गईं हैं।              शासन की ओर से गठित एसआईटी की आरंभिक जांच में चार सौ भी ज्यादा डिग्रियां संदेह के घेरे में आ गईं हैं। यह सभी वर्ष 2002 से 2010 के बीच जारी की गई थीं।             अभी तक जितनी भी डिग्रियां सामने आईं हैं वह संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी वाराणसी के नाम से जारी की गईं हैं। इन डिग्रियों में सबसे ज्यादा मध्यमा की ही हैं।               अधिकांश डिग्रियां ऐसी हैं जिनका इस यूनिवर्सिटी में कोई रिकार्ड ही नहीं मिल रहा है। इससे माना जा रहा है कि

शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को एनसीटीई ने आरटीआई के जवाब में वैध ठहराया ; मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में 28 अप्रैल को

          सहायक अध्यापक पद पर समायोजित 1.70 लाख शिक्षामित्रों के दो वर्षीय प्रशिक्षण को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने वैध ठहराया है।           शिक्षामित्रों को दूरस्थ विधि से प्रशिक्षण दिए जाने के खिलाफ दो वर्षीय नियमित बीटीसी प्रशिक्षण करने वाले कुलदीप सिंह व एक अन्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका की है।             याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के जरिए अवैध तरीके से शिक्षामित्रों को दो वर्षीय दूरस्थ विधि से प्रशिक्षण कराया। जबकि दूरस्थ विधि से प्रशिक्षण देने के लिए डायट अधिकृत नहीं है।            इस पर 14 मार्च के अपने आदेश में हाईकोर्ट ने एनसीटीई को मामले की अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। इस बीच इसी मुद्दे पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह की आरटीआई के जवाब में एनसीटीई ने 21 मार्च के अपने जवाब में 14 जनवरी 2011 के उस पत्र का हवाला दिया है जिसमें एनसीटीई ने उत्तर प्रदेश सरकार को शिक्षामित्रों को

बीटीसी 2015-16 ; प्रवेश प्रक्रिया मई से शुरू करने की तैयारी, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा

           दो वर्षीय बीटीसी 2015-16 में प्रशिक्षण के प्रवेश कार्य को शुरू करने के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज, इलाहाबाद ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है।            शासन से इस प्रस्ताव के मंजूरी मिलने के बाद दो वर्षीय बीटीसी कोर्स में प्रवेश कार्य शुरू हो जायेगा। यह प्रवेश कार्य 22 सितम्बर तक पूरा करके बीटीसी प्रशिक्षण की कक्षाएं संबंधित जिले के डायट और निजी क्षेत्र के बीटीसी कालेजों में शुरूकरना है।             इस बार बीटीसी कोर्स में प्रवेश के लिए एक लाख से अधिक सीटें होगी। प्रदेश में 63 डायट है। एक-एक डायट में 200-200 बीटीसी प्रशिक्षण की सीटें है। जबकि निजी क्षेत्र में बीटीसी के 1500 से अधिक कालेज है। इन कालेजों में बीटीसी प्रशिक्षण की 50-50 सीटें है। जबकि अगले हफ्ते शासन में बीटीसी के संबंद्धता के लिए होने वाली बैठक में 381 कालेजों को संबंद्धता मिलनी है।           इस प्रकार से डायट और निजी क्षेत्र के बीटीसी कालेजों में दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के लिए कुल करीब एक लाख सीट है। बीटीसी के दो वर्षीय प्रशिक्षण छह-छह माह के चार सत्रों में पूरा होता है। Keywords