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Showing posts from May 29, 2016

DU Admission 2016 : आवेदन से पहले हर स्ट्रीम के न्यूनतम अंकों को जानें

                डीयू  के लिए आवेदन करते समय छात्र अपने अंकों को लेकर असमंजस में हैं कि किस कोर्स के लिए उनके अंक फिट बैठेंगे. जाहिर तौर पर डीयू के किसी भी कोर्स में चयन आपके अंकों के आधार पर ही होगा.                आपके जितने अधिक होंगे, मेरिट लिस्ट में आने की संभावना उतनी ही अधिक होगी. आवेदन करने से पहले यह भी जानना जरूरी है कि डीयू ने हर स्ट्रीम के लिए न्यूनतम अंकों की सीमा पहले ही तय कर रखी है. यदि आप न्यूनतम अंकों की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, तो आवेदन नहीं कर पायेंगे.                 यूजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विश्वविद्यालय में चार प्रमुख स्ट्रीम- आर्ट्स/ ह्यूमेनिटीज/ म्यूजिक व फाइन आर्ट्स, कॉमर्स, मैथमेटिकल साइंसेज और साइंसेज हैं. किसी भी स्ट्रीम में आवेदन करने से पहले आप तय कर लें कि उस स्ट्रीम के लिए न्यूनतम अंक शर्तों को पूरा करते है या नहीं?                 बीए/ बीए (वोकेशनल)/ बीकॉम : इस कोर्स के लिए अर्हता परीक्षा में आपके कम से कम 40 फीसदी अंक होने चाहिए. इस कोर्स के लिए आपकी मेरिट तीन एकेडमिक विषयों और एक भाषा में प्राप्तांक के आधार पर तय होगी.            

डीयू में एडमिशन ; यूनिवर्सिटी ने अलग-अलग सबजेक्ट में तय मिनिमम स्कोर

         दिल्ली यूनवर्सिटी में एडमिशन की दौड़ शुरू हो गयी है. ज्यातातर स्टूडेंट्स चाहते हैं कि उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिले, पर यह इतना आसान भी नहीं होता. डीयू में एडमिशन आपके द्वारा सलेक्ट किये गयेसबजेक्ट पर भी निर्भर करता है. इसलिए आप जब फॉर्म भरें तो उसमें पूरी सावधानी बरतें और उसे सावधानी व ध्यान से पढ़ें.          दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अलग-अलग कोर्स के लिए पर्सेंटेज का मानक भी घोषित किया है, जो सलेक्शन का आधार बनेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर छात्रों के रुझान का अंदाज इसी से लगा सकते हैं कि दूसरे दिन दो जून को छह बजे तक कुल 87,748 ऑनलाइन फॉर्म भरे गये. इनमें से 25,241 छात्रों ने ऑनलाइन फी पेमेंट भी किया.         यूनिवर्सिटी ने कोर्स के अनुसार मिनिमम परसेंटेज भी जारी किया है. स्टूडेंट के लिए कोई अतिरिक्त मापदंड नहीं तय किया गया है. एडमिशन के लिए एक समान प्रक्रिया है. यूनिवर्सिटी के इन्फारमेशन बुलेटिन में इसके बारे में विस्तार से समझाया गया है. इसलिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने से पहले उसे सावधानी व विस्तार से पढ़ना चाहिए. अलग-अलग विषय के लिए अलग-अलग मा

शिक्षामित्रों के सम्बन्ध में अनुज्ञा याचिका की अद्यतन स्थिति से शासन को अवगत कराने के सम्बन्ध में पत्र

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            शिक्षामित्रों के सम्बन्ध में अनुज्ञा याचिका की अद्यतन स्थिति से शासन को अवगत कराने के सम्बन्ध में पत्र  Keywords ; teachers,tet,shikshamitra,samayojan,upgovt

टीजीटी-पीजीटी के रिक्त 9568 पदों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी ; ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया छह जून से

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टीजीटी-पीजीटी के रिक्त 9568 पदों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी ; ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया छह जून से  Keywords ; teachers recruitment,that,got,principal,upgovt

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की 2011 की परीक्षा का कार्यक्रम

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माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की 2011 की परीक्षा का कार्यक्रम Keywords ; teachers,that,got,recruitment,upgovt

टीजीटी-पीजीटी एवं प्रधानाचार्यों भर्ती-2016 ; खाली पदों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया छह जून से शुरू

         माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिए इंतजार कर रहे प्रतियोगी छात्रों के लिए अच्छी खबर है।          उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक .   (टीजीटी)-प्रवक्ता भर्ती (पीजीटी) एवं प्रधानाचार्यों भर्ती-2016 के खाली पदों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया छह जून से शुरू कर रहा है।         आवेदन की अंतिम तिथि पांच जुलाई होगी। इसके लिए परीक्षा अक्तूबर-नवंबर में. कराए जाने की संभावना है।          उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष हीरालाल गुप्त के अनुसार टीजीटी के 7603, पीजीटी के 1353 एवं प्रधानाचार्य के 612 पदों कुल मिलाकर 9568 पदों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा।           उन्होंने बताया कि सामान्य एवं ओबीसी के अभ्यर्थियों के लिए शुल्क 625 रूपए,एससी के लिए 350 रुपये एवं एसटी के लिए 175 रुपये शुल्क तय किया गया है।           चयन बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि.     शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरा करके स्कूलों में खाली पदों को भरा जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों को सुझाव दिया

संशोधनों में फंसी शिक्षकों की अंतर्जनपदीय तबादला नीति ; सेवा अवधि को लेकर सहमति नहीं है बन सकी

           संशोधनों में फंसी शिक्षकों की अंतर्जनपदीय तबादला नीति, एक जून से ऑनलाइन आवेदन लेने की थी तैयारी और नीति अब तक जारी नहीं, सेवा अवधि को लेकर सहमति नहीं है बन सकी। Keywords ; tet,teachers,transfer,upgovt

टीईटी 2011 की धांधली : 72,825 भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा भर्ती का विज्ञापन निकालने के साथ ही हो गया था तय

         सरकारी सुविधा बिचौलियों और दलालों के लिए कमाई का अवसर है। कहने सुनने में भले यह एक नकारात्मक अभिव्यक्ति महसूस हो किंतु वास्तविकता इसी के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कराई गई पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी-2011 इसकी जीती-जागती मिसाल है।           किसी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में क्या क्या गड़बड़ियां हो सकती हैं, यह शोध करना हो तो टीईटी-2011 से बढ़िया संदर्भ सामग्री अन्यत्र नहीं मिलेगी। 72 हजार से अधिक बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में अब जब दो तिहाई पद भरे जा चुके हैं, एक तिहाई पदों के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहे, सैकड़ों अभ्यर्थी नियुक्ति के बाद बर्खास्त हो चुके हैं, तब मूल्यांकन करने वाली फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है। वाइटनर प्रकरण के बाद शासन ने यह तो स्वीकार किया था कि उसके पास ओएमआर शीट मौजूद नहीं हैं लेकिन इस स्वीकारोक्ति के बाद खामोश हो गया।             शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक भर्ती के शोर के बीच उम्मीद की एक लहर उठी थी। हालांकि विज्ञापन निकलने के बाद से ही टीईटी और

नई पेंशन को शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग में होगी मशक्कत ; समयबद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत सभी को जोड़ने का चलेगा अभियान

           नयी पेंशन योजना से अधिकाधिक कर्मचारियों को जोड़ने के लिए वित्त विभाग ने सबसे पहले शिक्षा विभाग में मशक्कत शुरू करने का फैसला लिया है। अगले माह शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ वित्त विभाग के अफसर बैठक करेंगे।            उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के बाद सेवा में आए सभी कर्मचारियों के लिए नयी पेंशन योजना लागू की गयी है। इसमें दस फीसद अंशदान कर्मचारी के वेतन से लेने और दस फीसद ही राज्य सरकार की ओर से जमा किये जाने का प्रावधान है।             एक अप्रैल के बाद सेवा में आने वाले राज्य सरकार के 3.72 लाख कर्मचारियों में से अब तक महज 2.72 लाख कर्मचारी ही इसके दायरे में आ सके हैं। इस तरह एक लाख राज्य कर्मचारी अभी पेंशन योजना से जोड़े जाने हैं। इनके अलावा स्वायत्त व अन्य संस्थानों के कर्मचारी भी हैं। हालात ये हैं कि विभिन्न विभागों के एक लाख कर्मचारियों का पंजीकरण भी नयी पेंशन योजना के लिए हो चुका है किंतु उनके अंशदान जमा होने शुरू नहीं हुए हैं।             अब सरकार ने अगले एक साल में नयी पेंशन योजना से जुड़े कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर पांच लाख करने का फैसला किया है। प्रमुख सच

टीईटी-2011 ; न्यायालय में स्वीकारोक्ति के बाद अब ओएमआर शीट गुम होने की हकीकत एफआइआर के रूप में दर्ज 

           प्रदेश की पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा में के बाद ओएमआर शीट गुम होने का राजफाश हो सका। ‘दैनिक जागरण’ ने 20 अप्रैल के अंक में इसे प्रमुखता से उजागर किया था। शासन के फरमान पर ओएमआर शीट का मूल्यांकन करने वाली फर्म के दो लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा लिखाया गया है।            माध्यमिक शिक्षा परिषद ने टीईटी 2011 का आयोजन किया था। इस परीक्षा में भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगे। रिजल्ट जारी होने व बड़े अफसरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सारे रिकॉर्ड जब्त कर लिये थे। जांच में पुलिस को पुख्ता सुबूत हाथ लगे कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर वाइटनर का प्रयोग हुआ। यही अभिलेख अभ्यर्थियों ने जनसूचना अधिकार के तहत हासिल किए और उन्हें हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया।               हाईकोर्ट ने आठ अक्टूबर 2015 को बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि इस प्रकरण की जांच कर वाइटनर प्रयोग करने वालों की सूची चार महीने में उपलब्ध कराए साथ ही ऐसा करने वालों पर कार्रवाई भी की जाए। सचिव ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा परिषद को पत्र लिखा।              परिषद सचिव ने शासन को पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि परिषद इस

15 हजार शिक्षक भर्ती ; पद बढ़ने की अब पूरी उम्मीद

         न्यायालय ने निर्देश दिया तो 16448 पद और बढ़ाकर भर्ती जल्द पूरी की जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के प्रस्ताव पर शासन ने गोलमोल जवाब देते हुए पद बढ़ाने का जिम्मा न्यायालय के निर्देश पर छोड़ दिया है।           बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया 9 दिसंबर 2014 से चल रही है।            यह भर्ती 13741 अभ्यर्थियों के सापेक्ष शुरू हुई थी। असल में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव उप्र ने परिषद सचिव को यह रिपोर्ट सौंपी उसी के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। परिषद ने पहली बार बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। इसके बाद मिले निर्देशों का अनुपालन निरंतर होता गया। दूसरी बार में केवल डीएड यानी विशेष शिक्षा वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया।              तीसरी बार हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007 एवं 2008 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए। चौथी बार हाईकोर्ट के निर्देश पर अमल के लिए बीएलएड वालों के लिए वेबसाइट खोली गई। यह सिलसिला यही नहीं थमा बल्कि शासन ने दिसंबर 2015 म

पांचवीं कक्षा तक फेल नहीं करने और कक्षा छह से परीक्षा लेने की सिफारिश ; एक बार में पास न होने वालों को दो मौके देने की सिफारिश

           पांचवीं कक्षा तक फेल नहीं करने और कक्षा छह से परीक्षा लेने की सिफारिश की गई है। नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई समिति ने ये सिफारिशें की हैं।               समिति ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए विदेशी संस्थानों को भारत आने की अनुमति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।                    सूत्रों ने बताया कि समिति ने 200 पन्नों की रिपोर्ट में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष सुझाव दिए हैं। उसने प्राथमिक से लेकर उच्चतर शिक्षा तक के स्तर में कमियां पाई हैं। समिति ने सिफारिश की है कि फेल नहीं करने (कक्षा में नहीं रोकने) की नीति की समीक्षा की जानी चाहिए।                शिक्षा के अधिकार कानून में आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने का प्रावधान है। समिति ने सुझाव दिया है कि एक बार में छात्र पास नहीं होता है तो परीक्षा देने के लिए उसे और दो मौके दिए जाने चाहिए।               समिति ने अपनी रिपोर्ट में एक अध्याय प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग के प्रभाव पर समर्पित किया है। समिति का एक अन्य  महत्वपूर्ण सुझाव शिक्षा सेवा कैडर बनाना है जो शिक्षा प्रशासन का स