शिक्षामित्र समायोजन रद्द करने का मामला ; विधिक राय लेकर सुप्रीम कोर्ट जायेगी राज्य सरकार
एक लाख 75 हजार शिक्षा मित्रों के समायोजन को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने से राज्य सरकार को करारा झटका लगा है। वहीं शिक्षा मित्रों का भविष्य भी अधर में फंस गया है। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अब राज्य सरकार इस मामले में विधिक राय लेगी। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
दरअसल, सपा ने बीते विधान सभा चुनाव के दौरान घोषणा की थी कि सरकार बनने पर एक लाख 75 हजार शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया जाएगा। उसके बाद सरकार ने शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण देकर पहले चरण में एक लाख 24 हजार शिक्षा मित्रों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया। शेष करीब 48 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन होना था कि मामला कोर्ट चला गया। शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले पर अब राज्य सरकार विधिक राय लेकर अपना अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखेगी।
दरअसल, सपा ने बीते विधान सभा चुनाव के दौरान घोषणा की थी कि सरकार बनने पर एक लाख 75 हजार शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया जाएगा। उसके बाद सरकार ने शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण देकर पहले चरण में एक लाख 24 हजार शिक्षा मित्रों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया। शेष करीब 48 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन होना था कि मामला कोर्ट चला गया। शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले पर अब राज्य सरकार विधिक राय लेकर अपना अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखेगी।
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