यूपीएसईई 2016 में दूसरे स्टूडेंट्स को भी मिलेगा मौका
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एपीजेएकेटीयू) से संबद्ध सूबे के करीब 630 इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व आर्किटेक्चर कॉलेजों के 25 फीसदी सीटों पर अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा।
इसके लिए यूपी स्टेट एंट्रेंस एग्जाम यानी यूपीएसईई- 2016 में दूसरे राज्यों के स्टूडेंट्स भी बैठ सकेंगे। सोमवार को एपीजेएकेटीयू में आयोजित सेंट्रल एडमिशन बोर्ड की बैठक में ये निर्णय लिया गया।
यूपीएसईई के जरिये विभिन्न कोर्स की लगभग दो लाख सीटों पर प्रवेश दिए जाते हैं, लेकिन इस बार इनमें से करीब 50 हजार सीटों पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि अन्य प्रदेश से आने वाले आवेदनों के आधार पर ये निर्णय लिया जाएगा कि यूपी के बाहर कहां-कहां परीक्षा केंद्र बनाया जाए। अब ये प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
बदल सकते हैं जेईई से प्रवेश के नियम
यूपीएसईई- 2016 के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. कैलाश नारायण को समन्वयक नियुक्त किया गया है। इनके साथ एप्लाइड साइंस विभाग के डॉ. संजय सिंह और कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉ. मनीष गौढ़ उप समन्वयक रहेंगे। हालांकि जरूरत पड़ने पर इस टीम में विस्तार किया जा सकेगा।
एपीजेएकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि विवि ने पिछले सत्र में भी अन्य प्रदेश के छात्रों को अवसर देने की योजना बनाई थी, लेकिन कुछ कारणवश उसे लागू नहीं किया जा सका था।
सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय इस बार जेईई से भरी जाने वाली सीटों में भी बदलाव कर सकता है। संभव है कि विवि केवल एसईई के माध्यम से ही प्रवेश ले। वर्तमान में जेईई के माध्यम से 20 फीसदी सीटों पर प्रवेश लिए जाते हैं।
इनमें से 10 फीसदी प्रवेश अन्य प्रदेश के छात्रों के भी होते हैं। एपीजेएकेटीयू द्वारा एसईई का आयोजन प्रत्येक वर्ष अप्रैल के तीसरे शनिवार और रविवार को होता है।
Kewards ; SEE,APJAKTU,JEE,IET
इसके लिए यूपी स्टेट एंट्रेंस एग्जाम यानी यूपीएसईई- 2016 में दूसरे राज्यों के स्टूडेंट्स भी बैठ सकेंगे। सोमवार को एपीजेएकेटीयू में आयोजित सेंट्रल एडमिशन बोर्ड की बैठक में ये निर्णय लिया गया।
यूपीएसईई के जरिये विभिन्न कोर्स की लगभग दो लाख सीटों पर प्रवेश दिए जाते हैं, लेकिन इस बार इनमें से करीब 50 हजार सीटों पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि अन्य प्रदेश से आने वाले आवेदनों के आधार पर ये निर्णय लिया जाएगा कि यूपी के बाहर कहां-कहां परीक्षा केंद्र बनाया जाए। अब ये प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
बदल सकते हैं जेईई से प्रवेश के नियम
यूपीएसईई- 2016 के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. कैलाश नारायण को समन्वयक नियुक्त किया गया है। इनके साथ एप्लाइड साइंस विभाग के डॉ. संजय सिंह और कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉ. मनीष गौढ़ उप समन्वयक रहेंगे। हालांकि जरूरत पड़ने पर इस टीम में विस्तार किया जा सकेगा।
एपीजेएकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि विवि ने पिछले सत्र में भी अन्य प्रदेश के छात्रों को अवसर देने की योजना बनाई थी, लेकिन कुछ कारणवश उसे लागू नहीं किया जा सका था।
सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय इस बार जेईई से भरी जाने वाली सीटों में भी बदलाव कर सकता है। संभव है कि विवि केवल एसईई के माध्यम से ही प्रवेश ले। वर्तमान में जेईई के माध्यम से 20 फीसदी सीटों पर प्रवेश लिए जाते हैं।
इनमें से 10 फीसदी प्रवेश अन्य प्रदेश के छात्रों के भी होते हैं। एपीजेएकेटीयू द्वारा एसईई का आयोजन प्रत्येक वर्ष अप्रैल के तीसरे शनिवार और रविवार को होता है।
Kewards ; SEE,APJAKTU,JEE,IET
Comments
Post a Comment