टीचर बिना सैलरी को पढ़ाने को तैयार ; अब तो सुने सरकार
पात्र अध्यापक संघ ने सभी पात्र अध्यापकों को सरकारी स्कूलों में बिना वेतन बच्चों को पढ़वाने के लिए कमर कस ली है।
इसके लिए एक नंवबर को संघ के आह्वान पर सभी पात्र साथी लिखित में अपना हलफनामा जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारी को सौपेंगे।
संघ की महिला जिला प्रधान कविता ने कहा है कि एक नंवबर को जिले के समस्त पात्रता पास उम्मीदवार जो जेबीटी पात्र हैं।
उनको जेबीटी पद पर, जो टीजीटी पात्र उनको मास्टर पद और जो पीजीटी पात्र उनको प्रवक्ता पद पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारी से आग्रह किया जाए ताकि सरकारी स्कूल के गरीब, मजदूर, किसानों के बच्चों को उचित तरीके से पढ़ाई करा सके।
हम सरकारी स्कूलों में बिना वेतन के पढ़ाने को तैयार हैं। संघ ने पिछले नंवबर में हाई कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी। जब तक जेबीटी आध्यापकों की रेगुलर नियुक्ति नहीं होती है।
सरकारी स्कूलों में बिना वेतन के पढ़ाने को तैयार है। संघ के जिला महासचिव सुधीर चौधरी ने बताया कि हरियाणा सरकार जेबीटी आध्यापकों की नियुक्ति के प्रति ढुल-मुल रवैया अपना रही है।
कभी समीक्षा का बहाना बताती है, तो कभी कोर्ट से स्टे बताती है। गेस्ट टीचरों के मामले में जल्दी सुनवाई के लिए याचिका डालती है। लेकिन कोर्ट में जेबीटी मामले में ठीक से पैरवी भी नहीं की जाती है और न ही सशर्त नियुक्ति के लिए कोई आग्रह करती है।
Kewards ; teachers,tet,jbt,salary
इसके लिए एक नंवबर को संघ के आह्वान पर सभी पात्र साथी लिखित में अपना हलफनामा जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारी को सौपेंगे।
संघ की महिला जिला प्रधान कविता ने कहा है कि एक नंवबर को जिले के समस्त पात्रता पास उम्मीदवार जो जेबीटी पात्र हैं।
उनको जेबीटी पद पर, जो टीजीटी पात्र उनको मास्टर पद और जो पीजीटी पात्र उनको प्रवक्ता पद पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारी से आग्रह किया जाए ताकि सरकारी स्कूल के गरीब, मजदूर, किसानों के बच्चों को उचित तरीके से पढ़ाई करा सके।
हम सरकारी स्कूलों में बिना वेतन के पढ़ाने को तैयार हैं। संघ ने पिछले नंवबर में हाई कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी। जब तक जेबीटी आध्यापकों की रेगुलर नियुक्ति नहीं होती है।
सरकारी स्कूलों में बिना वेतन के पढ़ाने को तैयार है। संघ के जिला महासचिव सुधीर चौधरी ने बताया कि हरियाणा सरकार जेबीटी आध्यापकों की नियुक्ति के प्रति ढुल-मुल रवैया अपना रही है।
कभी समीक्षा का बहाना बताती है, तो कभी कोर्ट से स्टे बताती है। गेस्ट टीचरों के मामले में जल्दी सुनवाई के लिए याचिका डालती है। लेकिन कोर्ट में जेबीटी मामले में ठीक से पैरवी भी नहीं की जाती है और न ही सशर्त नियुक्ति के लिए कोई आग्रह करती है।
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