शिक्षा व शिक्षक लोकतंत्र की आत्मा ; शिक्षा के बाजारीकरण की हो रही साजिश

          शिक्षा व शिक्षक लोकतंत्र की आत्मा हैं। अगर सही मायने में कहा जाए तो समाज की असली धूरी शिक्षक ही हैं, जिनके माध्यम से हम नैतिकता का पाठ पढ़ते हैं।
             विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ 'ठकुराई गुट' के प्रांतीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कहीं। केपी कम्युनिटी सेंटर में शुक्रवार को संगठन के 59वें प्रांतीय महाधिवेशन में उन्होंने कहा कि शिक्षा का बजट लगातार घटाया जा रहा है।
            यह शिक्षा के बाजारीकरण करने की साजिश है। कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा व शिक्षक नहीं है।
            प्रदेश अध्यक्ष जगदीश पांडेय ठकुराई ने कहा कि शिक्षकों की उपेक्षा किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं की जाएगी। कहा कि महाधिवेशन में कॉमन सकूल सिस्टम लागू करने, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण, वित्तविहीन शिक्षकों को समानता का अधिकार सहित अनेक मुद्दों को लागू कराने के लिए संघर्ष का खाका तैयार होगा।
               विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार जैन ने कहा कि शिक्षा के समानता के लिए जनांदोलन जरूरी है। संयुक्त शिक्षा निदेशक महेंद्र सिंह ने कहा कि आज इंटरनेट का युग है, इसमें शिक्षा का दृष्टिकोण अंतर्राष्ट्रीय होना चाहिए।
              संयोजन प्रदेश उपाध्यक्ष मुहर्रम अली ने बताया कि शनिवार को कैबिनेट मंत्री डॉ. मनोज सिंह प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि होंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. उमेश त्यागी, डॉ. रघुराज सिंह, रमेश चंद्र सिंह, शम्भू सिंह ने विचार व्यक्त किया। महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने आभार ज्ञापित किया। इस दौरान शेषमणि शुक्ल, बीरेंद्र सिंह, राजेश सिंह, डॉ. अरुण चौबे, डॉ. सुनील शुक्ल, डॉ. देवीशरण त्रिपाठी, महेंद्र जैन आदि मौजूद थे।

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