शिक्षामित्रों की स्थिति पर उठने लगे सवाल ; गोंडा और आगरा के जिलाधिकारियों ने शासन से पूछा है कि 12 सितंबर के बाद शिक्षामित्रों की स्थिति क्या रह गई है?
शिक्षामित्रों के समायोजन को हाई कोर्ट से अवैध ठहराने के बाद उनकी स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। गोंडा और आगरा के जिलाधिकारियों ने शासन से पूछा है कि 12 सितंबर के बाद शिक्षामित्रों की स्थिति क्या रह गई है? उन्हें शिक्षक माना जाए या पहले की तरह शिक्षामित्र?
जिलाधिकारियों ने यह भी जानना चाहा है कि हाई कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों की पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगायी जा सकती है या नहीं?
लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश की रोशनी में शिक्षामित्रों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए न्याय विभाग से राय मांगी है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने 12 सितंबर को अपना आदेश सुनाते हुए शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराया था।
तब से ही बेसिक शिक्षा विभाग के अंदर और बाहर शिक्षामित्रों की स्थिति को लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं। अधिकारी मान रहे हैं कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने से अवमानना का खतरा होगा।
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जिलाधिकारियों ने यह भी जानना चाहा है कि हाई कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों की पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगायी जा सकती है या नहीं?
लिहाजा बेसिक शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश की रोशनी में शिक्षामित्रों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए न्याय विभाग से राय मांगी है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने 12 सितंबर को अपना आदेश सुनाते हुए शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराया था।
तब से ही बेसिक शिक्षा विभाग के अंदर और बाहर शिक्षामित्रों की स्थिति को लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं। अधिकारी मान रहे हैं कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने से अवमानना का खतरा होगा।
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