ब्रह्मांड के रहस्यों से उठेगा पर्दा ; इसरो ने एक और इतिहास रचा

                भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और इतिहास रच दिया। देश की पहली अंतरिक्ष वेधशाला 'एस्ट्रोसेट' अपनी उड़ान भर चुका है। सोमवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) द्वारा इसे लांच किया गया।
               अब भारत विकासशील दुनिया का पहला देश बन जाएगा, जिसके पास अंतरिक्ष में अपना टेलीस्कोप होगा। भारतीय रॉकेट सात उपग्रहों को लेकर उड़ा, जिसमें छह विदेशी हैं। यह पहली बार था, जब इसरो अमेरिकी उपग्रह भी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया।
               एस्ट्रोसेट को पृथ्वी से करीब 650 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया जाएगा। अनुमान है कि इस मिशन की आयु पांच साल होगी। कई विशेषज्ञ इस उपग्रह की तुलना शिव के तीसरे नेत्र से कर रहे हैं।
उठेगा रहस्य से पर्दा
              दरअसल इस मिशन का लक्ष्य ब्रह्मांड के रहस्यों पर से पर्दा उठाना है। ये वेधशाला हमें अंतरिक्ष के उन नजारों से रूबरू कराएगी, जिन्हें देखना मानव के बस की बात नहीं है।
                इसका इस्तेमाल ब्लैकहोल के अध्ययन तथा तारों और विभिन्न आकाशगंगा के विश्लेषण के लिए किया जाएगा। इससे उनके जन्म और खत्म होने की कहानी पता चल सकेगी।
                इसरो के चेयरमैन डॉ. किरण कुमार के अनुसार पूरी दुनिया के अंतरिक्ष विज्ञानियों की नजर इस मिशन पर है। अंतरिक्ष में स्थापित किसी भी टेलीस्कोप में इतनी क्षमता नहीं है।
कतार में था एस्ट्रोसेट
                 भारत ने मंगलयान के जरिए विश्व में अपनी प्रतिभा का डंका बजाया था। तब भारत ऐसा पहला देश था, जो पहले ही प्रयास में लाल ग्रह पर पहुंच गया था। मिशन मंगल की एक और बड़ी खासियत उसकी कम लागत थी।
                  एस्ट्रोसेट भी इसी कतार में था। एस्ट्रोसेट के लिए कुल स्वीकृत राशि 177 करोड़ 85 लाख रुपए थी। हालांकि लांचिंग के वक्त तक इसमें और बढ़ोतरी हुई है।
                    इस उपग्रह के विभिन्न हिस्सों को इसरो के बंगलूरू स्थित सैटेलाइट सेंटर में जोड़ा गया। अभी तक केवल अमेरिका, जापान और यूरोपीय यूनियन के पास ही अपनी अंतरिक्ष वेधशाला है। भारत की सफलता ने उसे भी इस प्रतिष्ठित कतार में खड़ा कर दिया है।
चीन है पीछे
               अभी चीन भी इस मामले में दुनिया के इन देशों से पीछे है। इस अभियान की सफलता भारत को नए आयाम दिए हैं। इसरो की सस्ती तकनीक ने दूसरे देशों को भी आकर्षित किया है।
                 यही कारण है कि पीएसएलवी अपने साथ छह विदेशी उपग्रह ले गया। इसमें अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को कंपनी के चार छोटे लेमूर सैटेलाइट हैं। एक उपग्रह कनाडा और एक इंडोनेशिया का है। एस्ट्रोसेट को 2009-10 में लांच किया जाना था।
                  बाद में यह तिथि बढ़ाकर 2012-13 की गई लेकिन तब भी मिशन पूरा नहीं हो सका। 2012-13 में इस मिशन के लिए 6 करोड़ निर्धारित थे जो घटाकर पांच करोड़ कर दिए गए।
कई वेवलेंथ देख सकता है
                  इसी तरह 2014-15 में बजट में फिर कटौती की गई। प्रक्षेपण में हुई देरी के बारे में विभाग का तर्क है कि यह अंतरिक्ष विज्ञान का एक जटिल शोध कार्य है, इसलिए इसमें पूरी दुनिया के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की भागीदारी रही।
                   इस प्रक्रिया में देर हुई। बंगलूरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफेसर सुजान सेनगुप्ता के अनुसार एस्ट्रोसेट कई तरंग आयाम (वेवलेंथ) में देख सकता है।
                    यह दुनिया का पहला वैज्ञानिक टेलीस्कोप है, जिसमें चार विशेषीकृत कैमरे लगे हुए हैं, जो एक साथ अलग-अलग तरंगदैर्घ्य के पदार्थों को पकड़ सकते हैं।

Kewards ;india ,polar satellite,technology




Comments

Popular posts from this blog

सीएसआईआर ( CSIR) में 19 परियोजना सहायक और अन्य पदों पर भर्तियाँ, चयन वॉक-इन-इंटरव्यू से

शिक्षा मित्रों और टेट के मुद्दे पर सुनवाई अब 27 जुलाई को

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में बस चालकों के अनेक पदों पर भर्तियां, 06 जून 2020 तक करें आवेदन

हेड कांस्टेबल के पदों पर कुल 73 रिक्तियां घोषित : करें ऑनलाइन आवेदन , अंतिम तारीख 23 अक्टूबर 2018

69000 शिक्षक भर्ती : प्रश्नों का विवाद बड़ा उलटफेर का बन सकता है कारण, सैकड़ों हो सकते हैं चयन सूची से बाहर

बीटीसी प्रवेश 2014-15 : 19 फीसद सीटें रह गयीं खाली,नौ बार हुई प्रवेश को लेकर डायट में काउंसलिंग

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) भर्ती, मैट्रिक, इंटरमीडिएट और स्नातकों के 1355 पदों पर भर्ती, 20 मार्च 2020 तक करें आवेदन

29334 शिक्षकों की भर्ती ; 82 अंक टीईटी उत्तीर्ण आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को जिलों में बचे हुए रिक्त पदों के सापेक्ष काउंसिलिंग में शामिल करने का निर्णय

रक्षा मंत्रालय में फायरमैन और ट्रेड्स के  38 पदों हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित

NHM में 12 हजार पदों पर भर्ती : अक्तूबर में आएगा विज्ञापन