मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों ने किया प्रदर्शन ; उर्दू शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग, मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन
उर्दू शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों ने बुधवार को निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया।
अब तक नियुक्ति न होने से नाराज कई महिला अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशक की गाड़ी के सामने लेट गईं और कार्रवाई की मांग की। उसके बाद निदेशक को ज्ञापन देकर उन्होंने जल्द से जल्द विज्ञापन निकालकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
मोअल्लिम उर्दू डिग्री धारक पिछले काफी समय से उर्दू शिक्षक बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। टीईटी पास मोअल्लिम-ए-उर्दू एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रब्बानी के मुताबिक राज्य सरकार ने 20 अगस्त 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों को टीईटी उत्तीर्ण होने पर प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षक बनाने का निर्णय लिया था।
जिसके क्रम में करीब 2300 डिग्री धारकों को शिक्षक बना दिया गया। लेकिन पांच हजार मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारी शेष रह गए। यह सभी टीईटी उत्तीर्ण हैं। फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही।
20 जुलाई को मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन:
बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन रह रहे कई अभ्यर्थियों का कहना था कि बीते 20 जुलाई को एसोसिएशन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिले थे। जिस पर उन्होंने कहा था कि बेसिक शिक्षा में उर्दू भाषा के शिक्षकों की कमी को देखते हुए अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाएगा। लेकिन तीन महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पदों के सृजन के संबंधन में शासनादेश नहीं जारी किया गया।
स्थिति यह है कि टीईटी उत्तीर्ण मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्रीधारी करीब पांच हजार अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में बैठे हैं।
एसोसिएशन ने मांगी है कि आचार संहिता खत्म होते ही तत्काल पदों का विज्ञापन निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।
Kewards ; teachers,urduteachers,muallim degree,tet
अब तक नियुक्ति न होने से नाराज कई महिला अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशक की गाड़ी के सामने लेट गईं और कार्रवाई की मांग की। उसके बाद निदेशक को ज्ञापन देकर उन्होंने जल्द से जल्द विज्ञापन निकालकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
मोअल्लिम उर्दू डिग्री धारक पिछले काफी समय से उर्दू शिक्षक बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। टीईटी पास मोअल्लिम-ए-उर्दू एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रब्बानी के मुताबिक राज्य सरकार ने 20 अगस्त 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों को टीईटी उत्तीर्ण होने पर प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षक बनाने का निर्णय लिया था।
जिसके क्रम में करीब 2300 डिग्री धारकों को शिक्षक बना दिया गया। लेकिन पांच हजार मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारी शेष रह गए। यह सभी टीईटी उत्तीर्ण हैं। फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही।
20 जुलाई को मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन:
बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन रह रहे कई अभ्यर्थियों का कहना था कि बीते 20 जुलाई को एसोसिएशन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिले थे। जिस पर उन्होंने कहा था कि बेसिक शिक्षा में उर्दू भाषा के शिक्षकों की कमी को देखते हुए अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाएगा। लेकिन तीन महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पदों के सृजन के संबंधन में शासनादेश नहीं जारी किया गया।
स्थिति यह है कि टीईटी उत्तीर्ण मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्रीधारी करीब पांच हजार अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में बैठे हैं।
एसोसिएशन ने मांगी है कि आचार संहिता खत्म होते ही तत्काल पदों का विज्ञापन निकालकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।
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