विशिष्ट बी०टी०सी० २००४ पेंशन मामला : सुप्रीमकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,उत्तरप्रदेश सरकार की बड़ी हार
विशिष्ट बी०टी०सी० २००४ बैच के ४०००० शिक्षकों के स्टाइपेण्ड के मामले में विशिष्ट बी०टी०सी०शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तरप्रदेश के पक्ष में माननीय उच्च न्यायालय के सिंगल एवं डबल बेंच द्वारा दिये गये फैसले के विरोध में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीमकोर्ट मे दायर विशेष अपील को माननीय उच्चतम न्यायालय ने आज दिनांक १२ अक्टूबर २०१५ को खारिज कर दिया और सरकार को आदेशित किया की एसोसिएशन के सदस्यों को बकाये मानदेय का भुगतान किया अविलम्ब किया जाय |
शिक्षामित्र भी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाने की तैयारी मे
सनद रहे कि एसोसिएशन ने सुप्रीमकोर्ट में सरकार के अपील के खिलाफ इलाहाबाद एवं दिल्ली के दिग्गज अधिवक्ताओं की टीम को लगाकर पहले ही कैविएट दाखिल की हुई थी और आज जब फाइनली केस की सुनवाई हुई तो सरकार के तरफ से नियुक्त तमाम सरकारी वकीलों की फौज भी एसोसिएशन के तरफ से लगाए गये अधिवक्ताओं द्वारा घण्टों चली बहस के आगे निरुत्तर रहे और कोई जवाब न दे सके |
हम लोगों के अधिवक्ताओं द्वारा जब माननीय उच्चतम न्यायालय को यह बताया गया कि सरकार ने १४ जून २०१५ को १० साल बाद विशिष्ट बी०टी०सी० २००४ बैच के विज्ञापन में संशोधन करके न केवल आपराधिक कृत्य किया है अपितु माननीय उच्चतम न्यायालय की अवमानना भी किया है...तो माननीय उच्चतम न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई..|
शिक्षक साथियों आज के फैसले से पुरानी पेंशन में आ रही एकमात्र रुकावट...स्टाइपेण्ड का नियुक्ति तिथि तक न मिलना...भी दूर हो गई |
शिक्षक साथियों विशिष्ट बी०टी०सी०शिकक्ष वलफेयर एसोसिएशन अपने विरोधियों के तमाम अनर्गल आरोपों की परवाह किये बिना आप शिक्षकों के हक की लड़ाई के लिए सतत् प्रयत्नशील है और भविष्य में हमेशा बिना किसी आरोप-प्रत्यार।
Kewards : teachers,recruitment,sbtc2004,pension
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सनद रहे कि एसोसिएशन ने सुप्रीमकोर्ट में सरकार के अपील के खिलाफ इलाहाबाद एवं दिल्ली के दिग्गज अधिवक्ताओं की टीम को लगाकर पहले ही कैविएट दाखिल की हुई थी और आज जब फाइनली केस की सुनवाई हुई तो सरकार के तरफ से नियुक्त तमाम सरकारी वकीलों की फौज भी एसोसिएशन के तरफ से लगाए गये अधिवक्ताओं द्वारा घण्टों चली बहस के आगे निरुत्तर रहे और कोई जवाब न दे सके |
हम लोगों के अधिवक्ताओं द्वारा जब माननीय उच्चतम न्यायालय को यह बताया गया कि सरकार ने १४ जून २०१५ को १० साल बाद विशिष्ट बी०टी०सी० २००४ बैच के विज्ञापन में संशोधन करके न केवल आपराधिक कृत्य किया है अपितु माननीय उच्चतम न्यायालय की अवमानना भी किया है...तो माननीय उच्चतम न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई..|
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