विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती ; नए विज्ञापन में पदों की संख्या 293 के बजाय 290 रह गई
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन में संशोधन किया गया है। संशोधन के बाद नोटिफिकेशन मंगलवार को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर फिर से ऑनलाइन कर दिया गया।
नए विज्ञापन में पदों की संख्या 293 के बजाय 290 रह गई है। इसके अलावा कई विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए लगाई गई विशेषज्ञता की शर्त भी वापस ले ली गई है।
हालांकि विश्वविद्यालय के अफसरों का कहना है कि नोटिफिकेशन मेें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इस तरह से नोटिफिकेशन में संशोधन तथा विरोधी बयानों की वजह से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर पहले स्टेप पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। इसके अलावा इन संशोधनों के बावजूद कई तरह की अनियमितता की बात कही जा रही है।
विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 293 पदों के लिए शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन सोमवार को उसे अचानक हटा लिया गया।
मंगलवार को विज्ञापन वेबसाइट पर फिर डाउनलोड हो गया। पूर्व के विज्ञापन में पर्यावरण में असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पद थे, लेकिन संशोधन के बाद पद की संख्या एक ही रह गई। इन पदों पर पूर्व में ही भर्ती हो चुकी है।
पूर्व के विज्ञापन में कई विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अलग-अलग क्षेत्र में विशेषज्ञता की मांग की गई थी, जबकि , नियमानुसार सामान्य पदों के लिए इस तरह की विशेषज्ञता की बाध्यता या वरीयता देने का प्रावधान नहीं है। इस बाबत विरोध के बाद यह बाध्यता हटा ली गई है।
हालांकि इन संशोधनों के बाद भी विज्ञापन में खामियां होने की बात कही जा रही है। इनके विपरीत पीआरओ डॉ.केएन उत्तम का कहना है कि विज्ञापन में कोई संशोधन नहीं किया गया है। प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ था। इसलिए एक दिन के लिए नोटिफिकेशन वेबसाइट से हटा लिया गया था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती दो चरणों में पूरी की जाएगी। विश्वविद्यालय में शिक्षकों के तकरीबन 500 पद रिक्त हैं। इसके विपरीत 290 पदों के लिए ही नोटिफिकेशन हुआ है। अफसरों का कहना है कि दो चरणों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया गया है। शेष पदों पर दूसरे चरण में भर्ती की जाएगी।
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नए विज्ञापन में पदों की संख्या 293 के बजाय 290 रह गई है। इसके अलावा कई विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए लगाई गई विशेषज्ञता की शर्त भी वापस ले ली गई है।
हालांकि विश्वविद्यालय के अफसरों का कहना है कि नोटिफिकेशन मेें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इस तरह से नोटिफिकेशन में संशोधन तथा विरोधी बयानों की वजह से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर पहले स्टेप पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। इसके अलावा इन संशोधनों के बावजूद कई तरह की अनियमितता की बात कही जा रही है।
विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 293 पदों के लिए शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन सोमवार को उसे अचानक हटा लिया गया।
मंगलवार को विज्ञापन वेबसाइट पर फिर डाउनलोड हो गया। पूर्व के विज्ञापन में पर्यावरण में असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पद थे, लेकिन संशोधन के बाद पद की संख्या एक ही रह गई। इन पदों पर पूर्व में ही भर्ती हो चुकी है।
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हालांकि इन संशोधनों के बाद भी विज्ञापन में खामियां होने की बात कही जा रही है। इनके विपरीत पीआरओ डॉ.केएन उत्तम का कहना है कि विज्ञापन में कोई संशोधन नहीं किया गया है। प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ था। इसलिए एक दिन के लिए नोटिफिकेशन वेबसाइट से हटा लिया गया था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती दो चरणों में पूरी की जाएगी। विश्वविद्यालय में शिक्षकों के तकरीबन 500 पद रिक्त हैं। इसके विपरीत 290 पदों के लिए ही नोटिफिकेशन हुआ है। अफसरों का कहना है कि दो चरणों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया गया है। शेष पदों पर दूसरे चरण में भर्ती की जाएगी।
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