जीआईसी में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती ; चयन प्रक्रिया विवादों में ,6645 पदों में से मात्र 742 की ज्वाइनिंग हो सकी
प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (जीआईसी) में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती विवादों की भेंट चढ़ गई है। मेरिट के आधार पर चयन होने के कारण प्रदेश भर में अब कुल 6645 पदों में से मात्र 742 की ज्वाइनिंग हो सकी है।
शेष पदों पर फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने की कोशिश करने वाले अभ्यर्थियों के पकड़ में आ जाने के कारण चयन प्रक्रिया विवादों में फंस गई है। 2014 में इन पदों की घोषणा करने वाले माध्यमिक शिक्षा विभाग को इन पदों को भरना कठिन हो रहा है। ऐसे में प्रदेश भर के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण की स्थिति खराब हो रही है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों केशिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हो जाने के बाद अब चालू शैक्षिक सत्र में जीआईसी को एलटी ग्रेड शिक्षकों का मिलना कठिन हो गया है।
मेरिट के आधार पर चयन होने के कारण अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करके जाली अंकपत्र बनवाकर भर्ती में जगह तो बना ली, लेकिन ज्वाइनिंग के समय भाग खड़े हुए।
चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जी लोगों के शामिल होने से पूरी भर्ती प्रक्रिया फंस गई है। जीआईसी शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी हथिया रहे हैं।
फर्जीवाड़ा करने वालों में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के अभ्यर्थी हैं। इन अभ्यर्थियों ने केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार एवं झारखंड से अधिक मेरिट वाले फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षक भर्ती में जगह बना ली है।
आलम यह है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में मेरिट में आने के बाद काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों ने फार्म भरने और काउंसलिंग के समय अलग-अलग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।
प्रदेश के 15 शैक्षिक मंडल के लिए घोषित एलटी ग्रेड शिक्षकों के लिए घोषित 6645 पदों में मात्र 2917 का ही चयन पूरा हो सका है, इसमें मात्र 742 ही ज्वाइन करने पहुंचे जबकि 705 फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के कारण चिह्नित होने पर नियुक्ति पत्र लेने नहीं पहुंचे। चयनित अभ्यर्थियों में 301 पुरुष एवं 441 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं।
Keywords ; teachers, Tet, recruitment, upgovt, gic,tgt
शेष पदों पर फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने की कोशिश करने वाले अभ्यर्थियों के पकड़ में आ जाने के कारण चयन प्रक्रिया विवादों में फंस गई है। 2014 में इन पदों की घोषणा करने वाले माध्यमिक शिक्षा विभाग को इन पदों को भरना कठिन हो रहा है। ऐसे में प्रदेश भर के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण की स्थिति खराब हो रही है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों केशिक्षकों की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हो जाने के बाद अब चालू शैक्षिक सत्र में जीआईसी को एलटी ग्रेड शिक्षकों का मिलना कठिन हो गया है।
मेरिट के आधार पर चयन होने के कारण अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करके जाली अंकपत्र बनवाकर भर्ती में जगह तो बना ली, लेकिन ज्वाइनिंग के समय भाग खड़े हुए।
चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जी लोगों के शामिल होने से पूरी भर्ती प्रक्रिया फंस गई है। जीआईसी शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी हथिया रहे हैं।
फर्जीवाड़ा करने वालों में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के अभ्यर्थी हैं। इन अभ्यर्थियों ने केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार एवं झारखंड से अधिक मेरिट वाले फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षक भर्ती में जगह बना ली है।
आलम यह है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में मेरिट में आने के बाद काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों ने फार्म भरने और काउंसलिंग के समय अलग-अलग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।
प्रदेश के 15 शैक्षिक मंडल के लिए घोषित एलटी ग्रेड शिक्षकों के लिए घोषित 6645 पदों में मात्र 2917 का ही चयन पूरा हो सका है, इसमें मात्र 742 ही ज्वाइन करने पहुंचे जबकि 705 फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के कारण चिह्नित होने पर नियुक्ति पत्र लेने नहीं पहुंचे। चयनित अभ्यर्थियों में 301 पुरुष एवं 441 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं।
Keywords ; teachers, Tet, recruitment, upgovt, gic,tgt
Comments
Post a Comment