बीटीसी के एक प्रमाणपत्र पर दो शिक्षक कर रहे नौकरी ; शाहजहांपुर
फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने के मामले तो खुल ही रहे हैं, अब बीटीसी के एक प्रमाणपत्र पर दो शिक्षकों के नौकरी करने का मामला सामने आया है।
दोनों शिक्षकों के नाम और पिता का नाम समान है, जबकि जन्मतिथि में अंतर है। एक के पास शैक्षिक प्रमाणपत्र की मूल प्रति और दूसरे के पास उसकी द्वितीय प्रतिलिपि है।
मामला तब खुला जब दोनों में से एक शिक्षक ने मामले की शिकायत बीएसए से की। हरदोई के शिरोमन नगर निवासी और ददरौल के उच्च प्राथमिक स्कूल पंथी में तैनात जयशंकर पुत्र कृष्णकुमार ने बीएसए को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि मिर्जापुर के प्राथमिक स्कूल में जयशंकर पुत्र कृष्णकुमार नाम के शिक्षक उन्हीं के प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे हैं।
ददरौल के जयशंकर सीतापुर से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण कराकर वर्ष 2005 में यहां आए थे जबकि दूसरे जयशंकर पुत्र कृष्णकुमार ने मिर्जापुर प्राथमिक स्कूल में वर्ष 2001 से सेवा शुरू की है। मिर्जापुर वाले जयशंकर देवरिया के नोनापार निवासी हैं।
बीएसए ने इस शिकायत की जांच कराई तो चौंकाने वाले खुलासा हुआ। दोनों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में एक ही वर्ष और एक ही अनुक्रमांक (वर्ष 1992, अनुक्रमांक 1276) का बीटीसी प्रमाणपत्र मिला। बीटीसी उत्तीर्ण का यह प्रमाणपत्र एक ही डायट राजकीय दीक्षा विद्यालय ददरौल से जारी हुआ है। दोनों के अंक पत्रों में अंक भी समान है। बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि मामला काफी गंभीर है और जांच जारी हैं।
मिर्जापुर में नियुक्त जयशंकर पुत्र कृष्ण कुमार की जन्मतिथि आठ जुलाई 1971 है जबकि ददरौल में नियुक्त जयशंकर पुत्र कृष्ण कुमार की जन्मतिथि 20 मार्च 1969 है। संभावना है कि जन्मतिथि से ही असली और नकली जयशंकर का राज खुल जाएगा। मिर्जापुर वाले जयशंकर के पास बीटीसी का अंकपत्र है लेकिन प्रमाण पत्र नहीं है। जबकि ददरौल के जयशंकर के पास प्रमाणपत्र है।
Keywords ; teachers,TET,btc,fraud,upgovt
दोनों शिक्षकों के नाम और पिता का नाम समान है, जबकि जन्मतिथि में अंतर है। एक के पास शैक्षिक प्रमाणपत्र की मूल प्रति और दूसरे के पास उसकी द्वितीय प्रतिलिपि है।
मामला तब खुला जब दोनों में से एक शिक्षक ने मामले की शिकायत बीएसए से की। हरदोई के शिरोमन नगर निवासी और ददरौल के उच्च प्राथमिक स्कूल पंथी में तैनात जयशंकर पुत्र कृष्णकुमार ने बीएसए को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि मिर्जापुर के प्राथमिक स्कूल में जयशंकर पुत्र कृष्णकुमार नाम के शिक्षक उन्हीं के प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे हैं।
ददरौल के जयशंकर सीतापुर से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण कराकर वर्ष 2005 में यहां आए थे जबकि दूसरे जयशंकर पुत्र कृष्णकुमार ने मिर्जापुर प्राथमिक स्कूल में वर्ष 2001 से सेवा शुरू की है। मिर्जापुर वाले जयशंकर देवरिया के नोनापार निवासी हैं।
बीएसए ने इस शिकायत की जांच कराई तो चौंकाने वाले खुलासा हुआ। दोनों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों में एक ही वर्ष और एक ही अनुक्रमांक (वर्ष 1992, अनुक्रमांक 1276) का बीटीसी प्रमाणपत्र मिला। बीटीसी उत्तीर्ण का यह प्रमाणपत्र एक ही डायट राजकीय दीक्षा विद्यालय ददरौल से जारी हुआ है। दोनों के अंक पत्रों में अंक भी समान है। बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि मामला काफी गंभीर है और जांच जारी हैं।
मिर्जापुर में नियुक्त जयशंकर पुत्र कृष्ण कुमार की जन्मतिथि आठ जुलाई 1971 है जबकि ददरौल में नियुक्त जयशंकर पुत्र कृष्ण कुमार की जन्मतिथि 20 मार्च 1969 है। संभावना है कि जन्मतिथि से ही असली और नकली जयशंकर का राज खुल जाएगा। मिर्जापुर वाले जयशंकर के पास बीटीसी का अंकपत्र है लेकिन प्रमाण पत्र नहीं है। जबकि ददरौल के जयशंकर के पास प्रमाणपत्र है।
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