वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नत और स्थानांतरण किये जाने की मांग; जल्द कोई निर्णय नहीं आया तो भूख हड़ताल

        वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नत किये जाने की मांग को लेकर अंतरजनपदीय शिक्षकों ने बुधवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर प्रदर्शन किया।
        शिक्षकों ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की। दोपहर बाद शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन के अधिकारी को ज्ञापन देकर प्रदर्शन समाप्त किया। ये सभी ‘अंतरजनपदीय शिक्षक वेलफेयर एसो.’ के बैनर तले एकजुट हुए।
        संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश पाण्डेय का कहना है कि सरकार ने प्रदेश भर में 44 हजार शिक्षकों का गृह जनपद में तबादला तो कर दिया, लेकिन उनके कई वषों के सेवा अनुभव को समाप्त करके कनिष्ठ शिक्षक के पद पर तैनाती दी गई।
       दूसरी तरफ नए शिक्षकों को पदोन्नाति दी जा रही है, जो उचित नहीं है। उन्होंने शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि को आधार बनाकर पदोन्नति की मांग उठाई। प्रदेश महामंत्री वाहिद अली ने बताया कि शासन शिक्षकों की मांग पर गंभीर नहीं है। जिससे शिक्षक आन्दोलनरत हैं। कहा कि शिक्षकों के हक में जल्द कोई निर्णय नहीं आया तो भूख हड़ताल को मजबूर होंगे।


Keywords ;  teachers, tet,transfer, upgovt

Comments

Popular posts from this blog

15 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया कुछ आगे बढ़ी ; एनआइसी से मिली सूची, अब पड़ताल जारी

लोक सेवा आयोग में कई पदों पर भर्ती, पढ़ें पूरा नोटिफिकेशन और करें आवेदन

रेलवे में 10वीं पास के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, 2792 पदों के लिए अब 4 अप्रैल, 2020 तक करें आवेदन

कैंटोनमेंट बोर्ड में सफाईवाला के 73 पदों पर रिक्तियां : आठवीं पास उम्मीदवारों के लिए मौका

देश का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम ; मार्च 2019 तक 11 लाख से ज्यादा अप्रशिक्षित शिक्षकों को दी जाएगी ट्रेनिंग

राज्य सभा में अनेक पदों पर भर्तियां, 10वीं उत्तीर्ण 19 फरवरी 2020 तक करें आवेदन

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (HP High Court) में Driver के 07 पदों पर भर्तियाँ, 26 नवंबर 2019 तक करें आवेदन

उत्तर प्रदेश में बिना परीक्षा के पास होंगे कक्षा 6 से 9 और 11वीं के विद्यार्थी, शासनादेश जारी और 15 अप्रैल के बाद शुरू होगा बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन

SHIKSHAMITRA SAMAYOJAN MAMLA ; समायोजन रद्द होने के पश्चात शिक्षामित्रो केआंदोलन को सरकार अपनी राजनीतिक सूझ बूझ का परिचय देते हुए समाप्त कराने मे सफल