लखनऊ : आंदोलन खत्म होने के बाद स्कूलों में पढ़ाने पहुंचे शिक्षामित्र, बच्चों के खिले चेहरे
एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे शिक्षामित्र बुधवार को स्कूलों में पहुंचे। जिन स्कूलों में अभी तक ताले लटके हुए थे आज वहां सुबह से चहल–पहल थी, बच्चे भी स्कूल पहुंचे और पढ़ाई शुरू हो गई।
 हालांकि कुछ शिक्षामित्र अभी भी पढ़ाने स्कूल नहीं पहुंचे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद से ही प्रदेश में शिक्षामित्र आंदोलन पर थे। मंत्री, सांसदों,विधायकों का आवास घेरने के साथ ही इन लोगों ने प्रदेश के सभी जिलों में हाईवे पर चक्क्ा जाम किया था।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। इसके बाद यूपी के शिक्षा मित्रों ने बुधवार से स्कूलों में पठन-पाठन बहाल करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही शिक्षा मित्रों ने बीते एक हफ्ते से चल रहा आंदोलन स्थगित हो गया था।
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सदन में नया आधिनियम पारित करने , जब तक शिक्षा मित्र टीईटी न पास करे तब तक वेतन की धनराशि मानदेय के रूप में दिए जाने , प्रदर्शन के दौरान मरे या आत्यहत्या करने वाले शिक्षा मित्रों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग भी रखी।
असमंजस में शिक्षामित्र , जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 अहम बातें
शिक्षामित्र अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष सात अंक के भारांक की मांग भी कर रहे हैं। हालांकि शिक्षा मित्रों ने ऐलान किया है कि यदि दो हफ्ते भीतर समाधान नहीं निकला तो वे फिर सड़कों पर उतरेंगे। मुलाकात के बात बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षमित्रों के प्रति संवेदनशील हैं। उनकी समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है , लेकिन इससे पहले शिक्षामित्र स्कूलों में जाकर पढ़ाए।
सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह से मुलाकात के दौरान शिक्षा मित्रों ने 10 हजार रुपये मानदेय पर काम करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने वेतन के रूप में मिल रही धनराशि को मानदेय के रूप में देने की मांग रखी थी।
बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह , विभागीय निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह के साथ आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आरपी सिंह , प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला समेत कई शिक्षामित्र मौजूद रहे।
Keywords ; teachers,tet,shikshamitrasamayojan,upgovt
 हालांकि कुछ शिक्षामित्र अभी भी पढ़ाने स्कूल नहीं पहुंचे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद से ही प्रदेश में शिक्षामित्र आंदोलन पर थे। मंत्री, सांसदों,विधायकों का आवास घेरने के साथ ही इन लोगों ने प्रदेश के सभी जिलों में हाईवे पर चक्क्ा जाम किया था।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। इसके बाद यूपी के शिक्षा मित्रों ने बुधवार से स्कूलों में पठन-पाठन बहाल करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही शिक्षा मित्रों ने बीते एक हफ्ते से चल रहा आंदोलन स्थगित हो गया था।
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सदन में नया आधिनियम पारित करने , जब तक शिक्षा मित्र टीईटी न पास करे तब तक वेतन की धनराशि मानदेय के रूप में दिए जाने , प्रदर्शन के दौरान मरे या आत्यहत्या करने वाले शिक्षा मित्रों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग भी रखी।
असमंजस में शिक्षामित्र , जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 अहम बातें
शिक्षामित्र अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष सात अंक के भारांक की मांग भी कर रहे हैं। हालांकि शिक्षा मित्रों ने ऐलान किया है कि यदि दो हफ्ते भीतर समाधान नहीं निकला तो वे फिर सड़कों पर उतरेंगे। मुलाकात के बात बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षमित्रों के प्रति संवेदनशील हैं। उनकी समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है , लेकिन इससे पहले शिक्षामित्र स्कूलों में जाकर पढ़ाए।
सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह से मुलाकात के दौरान शिक्षा मित्रों ने 10 हजार रुपये मानदेय पर काम करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने वेतन के रूप में मिल रही धनराशि को मानदेय के रूप में देने की मांग रखी थी।
बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह , विभागीय निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह के साथ आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आरपी सिंह , प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला समेत कई शिक्षामित्र मौजूद रहे।
Keywords ; teachers,tet,shikshamitrasamayojan,upgovt
Comments
Post a Comment