UPPSC 2019 : सीसैट परीक्षा में सफलता कैसे पायें, देखें सही रणनीति

वर्ष 2012 की प्रारंभिक परीक्षा में पहली बार सी-सैट को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा अपनी अवर अधीनस्थ परीक्षाओं में लागू किया गया था। उस समय सी-सैट क्वालिफाइंग नेचर का न होते हुए उसके पूरे अंक आपकी प्रारंभिक परीक्षा की मैरिट में जुड़ते थे, परंतु वर्ष 2016 से सी-सैट को क्वालिफाइंग प्रकृति का कर दिया गया है। अर्थात अब सी-सैट में सिर्फ पास होना अनिवार्य है और उसमें पाये गये अंक आपकी प्रारंभिक परीक्षा में कोई योगदान नहीं देंगे।

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 फिर भी अभ्यर्थियों को सी-सैट को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि यदि आप सामान्य अध्ययन में कितने भी अंक पा लें, परंतु अगर सी-सैट में आप अनुत्तीर्ण होते हैं, तो आप प्रारंभिक परीक्षा में पास नहीं समझे जाएंगे। सी-सैट की तैयारी के लिए आप निम्नलिखित रणनीति का पालन करते हुए सी-सैट को आसानी से पास कर सकते हैं। यह रणनीति निम्नानुसार हो सकती हैं।
1. सामान्य हिंदी: 
यह सी-सैट परीक्षा का महत्वपूर्ण भाग है। चूंकि उत्तर प्रदेश एक हिंदी भाषी राज्य है अतः अक्सर उम्मीदवार इस विषय के साथ लापरवाही बरतते हैं और इसका खमियाजा यह होता है कि वह इस खंड में कम प्रश्न हल कर पाते हैं। इस खंड से सामान्यतः 18-22 प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें मुख्यतः संधि, समास, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, गद्यांश, भाषा में प्रयोग होने वाली अशुद्धियां, तद्भव एवं तत्सम, मुहावरे एवं लोकोक्तियां, अनेकार्थी शब्द, उत्तर प्रदेश की प्रमुख बोलियां इत्यादि से जुड़े हुए प्रश्न पूछे जाते हैं।

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2. सामान्य अंग्रेजी सामान्यतः
इस खंड से भी 18-20 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो सामान्य प्रकृति के होते हैं। प्रायः यह देखा गया है कि हिंदी माध्यम के छात्र इस खंड को बहुत अच्छे से तैयार नहीं करते, जबकि कम समय में भी इस खंड को आप अच्छे से तैयार कर अधिकाधिक प्रश्न हल कर सकते हैं। सामान्य अंग्रेजी में मूलतः इडियम, एक्टिव-पेसिव, डायरेक्ट एंड इन्डायरेक्ट, वर्ड मीनिंग, पार्ट ऑफ स्पीच, कॉम्प्रिहेंसन, इत्यादि से प्रश्न पछे जाते हैं। इस खंड की तैयारी के लिए 'लसेंट सामान्य अंग्रेजी' पुस्तक का अध्ययन किया जा सकता है।
3. सामान्य गणित:
इस खंड से मुख्यतः 15-20 प्रश्न आते हैं। अंकगणित, बीज गणित, त्रिकोणमितीय और सांख्यिकी से जुड़े हुए सामान्य प्रश्न पूछे जाते हैं। 

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4. तर्कशक्ति (रीजनिंग):
इस खंड से औसतन 15-20 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो सामान्य प्रकृति के होते हैं। लगातार अभ्यास से आप इस खंड में अधिकाधिक प्रश्न हल कर सकते हैं। इस खंड की तैयारी के लिए आप कोई भी प्रचलित रीजिनिंग की पुस्तक ले सकते हैं।
5. अंतर-वैयक्तिक क्षमता संप्रेषण कौशल:
इस खंड से औसतन 10-15 प्रश्न पूछे जाते है। हालांकि इस खंड की तैयारी के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह सारे कौशल आपके व्यक्तित्व में निहित होते हैं। 
6. निर्णयन क्षमता एवं समस्या समाधान :
इस खंड से औसतन 5-8 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो कि बहुत ही सामान्य प्रकृति के होते हैं। इन प्रश्नों द्वारा आयोग आपके अंदर की प्रशासनिक क्षमताओं की परख करना चाहता है। 

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नोटः
 जिन अभ्यर्थियों की गणित कमजोर है, वे इस प्रश्न पत्र के अन्य खंड जैसे हिंदी, अंग्रेजी, तर्कशक्ति इत्यादि भागों की तैयारी कर इस प्रश्न पत्र में पास हो सकते हैं।  क्योंकि यह प्रश्न पत्र केवल क्वालिफाइंग प्रकृति का है।  ।
अंतरवैयक्तिक क्षमता और संप्रेषण कौशल, निययन क्षमता और समस्या समाधान के 2012 से लेकर 2018 तक के प्रारंभिक परीक्षा के आये हुए प्रश्नों को अभ्यर्थी जरूर हल कर लें।
इस प्रश्न पत्र में भी ऋणात्मक अंकन प्रणाली का प्रयोग किया जाता है इसलिए उम्मीदवार न आ रहे सवालों पर तुक्का मारने की प्रवृत्ति न अपनाएं।

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