यूपी में रिवर्ट होंगे शिक्षक ; 50 हजार सरकारी टीचर्स के लिए बुरी खबर
तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के करीब 50 हजार बेसिक शिक्षक इस सप्ताह में ही पदावनत कर दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पदावनति में देरी पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी मंडलीय सहायक निदेशकों को रिमाइंडर भेजकर गहरी नाराजगी जताई है।
उन्होंने तीन दिन के भीतर कार्रवाई करके रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से भेजने को कहा है। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 15 नवंबर 1997 से 28 अप्रैल 2012 के बीच आरक्षण का लाभ लेकर पदोन्नत हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को पदावनत किया जाना है।
इस बाबत अगस्त में ही शासनादेश जारी कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को भेजे पत्र में कहा है कि पदावनति के बारे में विभागवार सूचना सुप्रीम कोर्ट में रखी जानी है।
लेकिन, अधिकांश जिलों ने इस संबंध में न तो कोई सूचना परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराई है और न ही कोई कार्रवाई की है। शासन की समीक्षा बैठक में इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई गई है।
9 नवंबर को जारी इस पत्र में तीन कार्यदिवस के भीतर पदावनत किए जाने संबंधी सूचना परिषद कार्यालय को देने को कहा गया है। इस आदेश केजारी होने के बाद दिवाली की छुट्टी की वजह से 10 और 16 नवंबर को ही दफ्तर खुले हैं।
आज शाम तक देनी होगी सूचना
मतलब, बुधवार की शाम तक सभी मंडलों को सूचना मुहैया करानी होगी। उधर, बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि विभागीय कर्मचारी तो रिवर्ट किए जा चुके हैं, लेकिन शिक्षक गोरखपुर, मैनपुरी और बागपत जिलों में ही रिवर्ट हुए हैं। रिवर्ट किए गए शिक्षकों की संख्या 132 बताई जा रही है।
बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने बताया कि पदावनत करने संबंधी आदेश करीब डेढ़ महीने पहले आया था। इस बाबत कार्रवाई की जा रही है।
अब तक कितने शिक्षक रिवर्ट हो चुके हैं? यह सवाल पूछे जाने पर उनका जवाब था कि बुधवार को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा से बात करके ही कुछ बता पाएंगे।
यहां गौर करने की बात यह है कि संजय सिन्हा ने खुद अपने पत्र में लिखा है कि इस बारे में परिषद को कोई सूचना नहीं दी गई है।
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पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के करीब 50 हजार बेसिक शिक्षक इस सप्ताह में ही पदावनत कर दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पदावनति में देरी पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी मंडलीय सहायक निदेशकों को रिमाइंडर भेजकर गहरी नाराजगी जताई है।
उन्होंने तीन दिन के भीतर कार्रवाई करके रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से भेजने को कहा है। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 15 नवंबर 1997 से 28 अप्रैल 2012 के बीच आरक्षण का लाभ लेकर पदोन्नत हुए शिक्षकों और कर्मचारियों को पदावनत किया जाना है।
इस बाबत अगस्त में ही शासनादेश जारी कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को भेजे पत्र में कहा है कि पदावनति के बारे में विभागवार सूचना सुप्रीम कोर्ट में रखी जानी है।
लेकिन, अधिकांश जिलों ने इस संबंध में न तो कोई सूचना परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराई है और न ही कोई कार्रवाई की है। शासन की समीक्षा बैठक में इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई गई है।
9 नवंबर को जारी इस पत्र में तीन कार्यदिवस के भीतर पदावनत किए जाने संबंधी सूचना परिषद कार्यालय को देने को कहा गया है। इस आदेश केजारी होने के बाद दिवाली की छुट्टी की वजह से 10 और 16 नवंबर को ही दफ्तर खुले हैं।
आज शाम तक देनी होगी सूचना
मतलब, बुधवार की शाम तक सभी मंडलों को सूचना मुहैया करानी होगी। उधर, बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि विभागीय कर्मचारी तो रिवर्ट किए जा चुके हैं, लेकिन शिक्षक गोरखपुर, मैनपुरी और बागपत जिलों में ही रिवर्ट हुए हैं। रिवर्ट किए गए शिक्षकों की संख्या 132 बताई जा रही है।
बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने बताया कि पदावनत करने संबंधी आदेश करीब डेढ़ महीने पहले आया था। इस बाबत कार्रवाई की जा रही है।
अब तक कितने शिक्षक रिवर्ट हो चुके हैं? यह सवाल पूछे जाने पर उनका जवाब था कि बुधवार को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा से बात करके ही कुछ बता पाएंगे।
यहां गौर करने की बात यह है कि संजय सिन्हा ने खुद अपने पत्र में लिखा है कि इस बारे में परिषद को कोई सूचना नहीं दी गई है।
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