शिक्षक बनने की चाहत रखने वालों के लिए खुशखबरी ; अब नेट, सेट परीक्षा की तरह ही टीईटी का सर्टिफिकेट लाइफ टाइम के लिए होगा वैध

              शिक्षक बनने की चाहत रखने वालों के लिए खुशखबरी है। अब नेट, सेट परीक्षा की तरह ही टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा) का सर्टिफिकेट लाइफ टाइम के लिए वैध होगा।  
               शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार टीईटी देने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में जल्द ही सीजीटीईटी के लिए टीईटी सेल गठित होगा। परीक्षा के बाद 6 सप्ताह यानी 45 दिन के भीतर अब परिणाम घोषित करने होंगे। रिजल्ट को सार्वजनिक किया जाएगा।  
               सीटीईटी की तरह ही सीजीटीईटी का स्टैंडर्ड होगा। जिस तरह से अभी नेट की तरह सीजी सेट परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।
 अभी वैधता सिर्फ 7 साल
               वर्तमान में टीईटी का सर्टिफिकेट सिर्फ सात साल के लिए वैध माना जाता है। यानी जिन अभ्यर्थियों ने 2010 में टीईटी पास किया है, उनका सर्टिफिकेट 2017 तक वैध होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पुराने नियम बदलने के साथ-साथ नए नियमों के लिए गाइड लाइन तैयार की है। इसकी अधिसूचना जल्द ही राज्यों को जारी कर दी जाएगी।
                राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) ने एनसीटीई के नए एजेंडे पर तैयारी शुरू कर दी है। पिछले महीने टीईटी की नई गाइड लाइन को लेकर हुई बैठक में चर्चा के बाद अब एससीईआरटी ने भी एजेंडे पर काम शुरू कर दिया है।
               गौरतलब है कि एनसीटीई की जारी अधिसूचना के मुताबिक देश की स्कूली शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को अब पात्रता के लिए टीईटी देनी होगी।
               शिक्षा के अधिकार के अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के अंतर्गत कक्षा 1 से लेकर 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति से पहले निर्धारित योग्यता का परीक्षण किया जाएगा, जिसमें यह टेस्ट शामिल है।
अब हाई एवं हायर सेकंडरी के लिए भी होगी टीईटी
              शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत एनसीटीई ने अभी तक सिर्फ पहली से आठवीं तक टीईटी लेने का निर्णय लिया था, लेकिन अब हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी आयोजित की जाएगी।
              टीईटी पास करने के बाद यदि कोई शिक्षक दो सब्जेक्ट पढ़ा सकता है तो वह सामाजिक विज्ञान, गणित, विज्ञान, कॉमर्स आदि किसी भी सब्जेक्ट को चूज कर सकेगा।
कॉलेजों को रखना होगा रिकॉर्ड
               मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की गाइड लाइन के मुताबिक अब सभी कॉलेजों को टीईटी पास अपने छात्रों का रिकॉर्ड रखना होगा। इसके लिए भी गाइड लाइन तय कर दी गई है। अब सभी शिक्षकों को टीईटी पास करना जरूरी होगा।  
               छत्तीसगढ़ में जो टीईटी सेल गठित होगा उसे नियमित रूप से एनसीटीई के साथ कम्यूनिकेशन रखना होगा। साथ ही हाई एवं हायर सेकंडरी कक्षाओं में शिक्षकों की भर्ती के लिए अभी जो नियम बने हैं उनमें संशोधन कर टीईटी पास होने की अनिवार्यता रखनी होगी। निजी स्कूलों में भी टीईटी पास शिक्षकों को ही पढ़ाने के लिए काबिल माना जाएगा।
अभी ये है व्यवस्था
                 पहली से पांचवीं स्तर की टीईटी में दसवीं कक्षा के स्तर के सवालछठवीं से आठवीं तक 12वीं स्तर के पूछे जा रहे हैं सवालअब तक हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए टीईटी नहीं थीअभी सभी सब्जेक्ट में 60 फीसदी अंक लाना जरूरी हैटीईटी में 150 सवालों को हल करने के लिए 90 मिनट का समयटीईटी के सर्टिफिकेट की वैधता 7 साल
अब ये होगी व्यवस्था
                 अब पांचवीं स्तर की टीईटी में सिर्फ आठवीं स्तर के सवाल होंगेअब छठवीं से आठवीं स्तर की परीक्षा में सिर्फ दसवीं स्तर के सवाल होंगेअब हाई एवं हायर सेकंडरी कक्षा के शिक्षकों को भी टीईटी पास करना हैअब हर सब्जेक्ट में 33 फीसदी अंक के साथ 60 फीसदी कुल अंक लाना हैटीईटी परीक्षा के लिए 150 सवालों को अब 150 मिनट में हल करेंगेटीईटी पास करने के बाद अब जिंदगी भर इस सर्टिफिकेट की वैधता होगी
अब तक दो बार हो चुकी है राज्य में परीक्षा
                   शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 2 के तहत शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है। यह परीक्षा एनसीटीई के निर्देशानुसार संबंधित छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की जाती है। इसके लिए छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल को नोडल एजेंसी बनाया गया है। पिछले सालों में अब तक दो बार परीक्षा हो चुकी है।

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