दो लाख शिक्षकों को मानदेय देगी यूपी सरकार ; चुनावी मांग पर संजीदगी से काम करना शुरू
तय होगी मानदेय की राशि
राज्य सरकार अगले साल से वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के करीब दो लाख शिक्षकों को मानदेय देने की तैयारी कर रही है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर उनके यहां इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का ब्यौरा मांगा है। जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद मानदेय की राशि तय की जाएगी।
वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक लंबे समय से मानदेय देने की मांग कर रहे हैं। चुनावी वर्ष में सरकार ने इस मांग पर संजीदगी से काम करना शुरू कर दिया है।
हो रही हैं तैयारियां
हाल ही शासन ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से पूछा है कि उनके जिले में कुल कितने वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय हैं और इनमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं। अनुभव के साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता भी बताने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रदेश का ब्यौरा आने पर राज्य सरकार इस मद में बजट की व्यवस्था करेगी। इसलिए सभी डीआईओएस को हर हाल में दिसंबर में ही रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
बता दें कि पूरे प्रदेश में करीब 23 हजार वित्तविहीन विद्यालय हैं। इनमें कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाएं लगती हैं। इनमें पढ़ा रहे शिक्षकों की संख्या के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, मगर इनकी संख्या दो लाख से ज्यादा बताई जाती है।
Keyword ; teachers,mandeya,madhyamik school,upgovt
राज्य सरकार अगले साल से वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के करीब दो लाख शिक्षकों को मानदेय देने की तैयारी कर रही है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी डीआईओएस को पत्र भेजकर उनके यहां इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का ब्यौरा मांगा है। जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद मानदेय की राशि तय की जाएगी।
वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक लंबे समय से मानदेय देने की मांग कर रहे हैं। चुनावी वर्ष में सरकार ने इस मांग पर संजीदगी से काम करना शुरू कर दिया है।
हो रही हैं तैयारियां
हाल ही शासन ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से पूछा है कि उनके जिले में कुल कितने वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय हैं और इनमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं। अनुभव के साथ ही उनकी शैक्षणिक योग्यता भी बताने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रदेश का ब्यौरा आने पर राज्य सरकार इस मद में बजट की व्यवस्था करेगी। इसलिए सभी डीआईओएस को हर हाल में दिसंबर में ही रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
बता दें कि पूरे प्रदेश में करीब 23 हजार वित्तविहीन विद्यालय हैं। इनमें कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाएं लगती हैं। इनमें पढ़ा रहे शिक्षकों की संख्या के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, मगर इनकी संख्या दो लाख से ज्यादा बताई जाती है।
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