विभाग की कमियों का खामियाजा भुगत रहे अध्यापक ; अध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश जारी

           शिक्षा विभाग की कमियों का खामियाजा जिले के सरकारी स्कूलों के अध्यापक भुगत रहे हैं। विभाग के पोर्टल पर विद्यार्थियों की विषयवार व कक्षावार जानकारी अपलोड न करने पर अधिकारियों ने अध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं।
          अध्यापकों का आरोप है कि विभाग की ओर से सुविधाएं देने में तो विभाग लापरवही बरतता है, लेकिन कार्रवाई तुरंत कर दी जाती है।
          विभाग के पोर्टल पर बच्चों की जानकारी अपलोड करने में देरी होने पर फरीदाबाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मुख्य अध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।
           विभाग से प्राप्त लिस्ट के मुताबिक दिसंबर माह के अंत तक फरीदाबाद ब्लॉक के 31 स्कूलों के बच्चों की पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाई थी। इसके चलते अधिकारी ने वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए। इसको लेकर मुख्य अध्यापकों व अध्यापकों में रोष व्याप्त है।
नहीं मिल रही इंटरनेट की सुविधा :
           जिन स्कूलों के मुख्य अध्यापकों के वेतन रोके गए हैं उनका कहना है कि विभाग सुविधाएं देने के नाम पर तो पीछे हट जाता है और कार्रवाई के लिए सबसे आगे है।
           ब्लॉक के कई मुख्य अध्यापकों व अध्यापकों ने बताया कि पोर्टल पर बच्चों की जानकारी अपलोड करने में कई प्रकार की दिक्कतें सामने आ रही हैं। बहुत से बच्चों के आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं। सबसे बड़ी परेशानी इंटरनेट की हैं।
            अध्यापकों का कहना है कि स्कूलों में कंप्यूटर व इंटरनेट की सुविधा ठीक से मुहैया ही नहीं कराई गई है। अधिकांश अध्यापक अपनी जेब से खर्चा करके इंटरनेट कैफे या अन्य विकल्पों से पोर्टल पर जानकारी अपलोड कर रहे हैं।
            आरोप है कि विभाग इसके लिए गंभीर नहीं दिखता है, साथ ही मुख्य अध्यापक व अध्यापकों को अशैक्षिणिक कार्य में इतना व्यस्त रखा जाता है कि उन्हें स्कूल के कार्यों के लिए समय नहीं मिल पाता है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है।
ट्रेनिंग की कमी से आ रही परेशानी :
            अध्यापकों का यह भी तर्क है कि विभाग पोर्टल के कार्य के लिए उन्हें ठीक से ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है। तीन माह पहले उनकी सिर्फ एक दिन की ट्रेनिंग हुई थी। उनका कहना है कि एक दिन की ट्रेनिंग में कैसे अध्यापक पोर्टल के कार्य के लिए दक्ष हो सकते हैं। कई सीनियर सेकेंडरी विद्यालयों में इंफॉर्मेशन ऑफिसर भी विभाग ने नियुक्त किए हैं, लेकिन उनके पास भी अध्यापकों की मदद के लिए समय कम रहता है।
वेतन रोकने का विरोध :
            पोर्टल के कार्य में देरी होने पर मुख्य अध्यापकों का वेतन रोकने के फैसले को शिक्षक संघ भी गलत मान रहे हैं।
            राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान चतर सिंह का कहना है कि मुख्य अध्यापक व अध्यापक अपने कार्यों के प्रति गंभीर हैं, वे इंटरनेट व कंप्यूटर सुविधा न होने के बाद भी विषम परिस्थितियों में पोर्टल का कार्य कर रहे हैं। लेकिन इतने के बाद भी वेतन रोकने के आदेशों से उनका हौसला गिरेगा और स्कूल का कार्य प्रभावित होगा।
             ‘विभाग के इस प्रकार के आदेश सही नहीं हैं। विभाग को अध्यापकों की परेशानी भी समझनी चाहिए। पोर्टल के कार्य में जिन कारणों से देरी हो रही है, विभाग को उन्हें दूर करना चाहिए न कि वेतन रोक कर दबाव बनाना चाहिए।’
-चतर सिंह, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
             ‘विभाग को सभी कार्य अध्यापकों के सहयोग से ही पूरे करने हैं, वेतन रोकने जैसी कोई बात नहीं है। यदि अध्यापकों को कोई परेशानी है तो उन्हें दूर किया जाएगा।’
- राम कुमार फलसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी।

Keyword ; teachers,tet,education Department,upgovt

Comments

Popular posts from this blog

शिक्षामित्र समायोजन मामला : हाईकोर्ट आदेश का सारांश

Shikshamitra adjustment ; Supreme Court updates

नौकरी पा चुके टीईटी-2011 के अभ्यर्थियों में घबराहट : ओएमआर पर व्हाइटनर लगाकर उत्तर में बदलाव करने वालों की पहचान करने के कोर्ट के निर्देश

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश ; कहा-समय रहते करें शिक्षकों की तैनाती

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अलग-अलग पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं ; 13 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन शुरू,प्रवेश परीक्षाएं 25 से 30 मई के बीच

प्रधान वैज्ञानिक के 51 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित

शिक्षा मित्रों का वेतन व मानदेय मामला ; शिक्षा मित्रों का प्रतिनिधिमंडल रविवार को मिला बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन से

15000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में पेंच ; Sbtc 2004, 2007 और 2008 बैच के अभ्यर्थी भी पहुचें कोर्ट