अशासकीय सहायक प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती छात्र संख्या के अनुपात में, शासन की ओर से जारी हुआ पत्र
प्रदेश के अशासकीय सहायक प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती छात्र संख्या के अनुपात में की जाएगी।
महाविद्यालय अपने हिसाब से पदों की संख्या नहीं बताएंगे, बल्कि इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी और यह कमेटी तय करेगी कि कॉलेज में शिक्षकों के कितने पदों पर भर्ती होनी है।
हालांकि, वर्तमान व्यवस्था में भी शिक्षकों की भर्ती छात्र संख्या के अनुपात में किए जाने का प्रावधान है, लेकिन महाविद्यालय रिक्त पदों की सूचना सीधे भेज देते हैं और इसका ठीक से सत्यापन नहीं हो पाता है।
उच्च शिक्षा निदेशालय इन पदों का अधियाचन उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजता है और आयोग लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू के माध्यम से रिक्त पदों पर भर्ती करता है।
कमेटी से हरी झंडी मिलने के बाद ही पदों का अधियाचन आगे भेजा जाएगा।
डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी में डीएम उपजिलाधिकारी स्तर के किसी एक अधिकारी को सदस्य के रूप में नामित करेंगे। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं संबंधित जिले के प्राचार्य भी कमेटी के प्राचार्य होंगे।
अगर सत्यापन के बाद उपलब्ध कराई गईं सूचनाएं सही नहीं पाई गईं तो इसे लिए संबंधित जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
महाविद्यालय अपने हिसाब से पदों की संख्या नहीं बताएंगे, बल्कि इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी और यह कमेटी तय करेगी कि कॉलेज में शिक्षकों के कितने पदों पर भर्ती होनी है।
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इस बाबत शासन की ओर से जारी निर्देश के क्रम में संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. राजीव पांडेय ने पत्र जारी किया है।हालांकि, वर्तमान व्यवस्था में भी शिक्षकों की भर्ती छात्र संख्या के अनुपात में किए जाने का प्रावधान है, लेकिन महाविद्यालय रिक्त पदों की सूचना सीधे भेज देते हैं और इसका ठीक से सत्यापन नहीं हो पाता है।
उच्च शिक्षा निदेशालय इन पदों का अधियाचन उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजता है और आयोग लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू के माध्यम से रिक्त पदों पर भर्ती करता है।
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रिक्त पदों की सूचना सीधे भेजे जाने से गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है, सो अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी और यह कमेटी कॉलेजों में रिक्त पदों के अधियाचन का परीक्षण करेगी।कमेटी से हरी झंडी मिलने के बाद ही पदों का अधियाचन आगे भेजा जाएगा।
डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी में डीएम उपजिलाधिकारी स्तर के किसी एक अधिकारी को सदस्य के रूप में नामित करेंगे। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं संबंधित जिले के प्राचार्य भी कमेटी के प्राचार्य होंगे।
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कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अशासकीय सहायक प्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए सूचना जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रेषित की जाएगी। शिक्षकों की भर्ती के लिए अधियाचन संबंधित महाविद्यालय की छात्र संख्या के अनुरूप होना चाहिए।अगर सत्यापन के बाद उपलब्ध कराई गईं सूचनाएं सही नहीं पाई गईं तो इसे लिए संबंधित जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
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