बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले : स्थानांतरण नीति को हाईकोर्ट में चुनौती, दोबारा आवेदन नहीं करने के प्रावधान को भी चुनौती
बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले के लिए दो दिसंबर 2019 को घोषित स्थानांतरण नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। नई स्थानांतरण नीति में आकांक्षी जिलों (प्रदेश के आठ पिछड़े जिले) के लिए अलग प्रावधान करने का याचिका में विरोध किया गया है।
कहा गया है कि बेसिक शिक्षकों के लिए नीति घोषित करते समय राज्य सरकार की 2018 की स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया है।
सदानंद मिश्र और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी है।
इसी प्रकार से राजकीय इंटर कॉलेजों के लिए प्रावधान है कि नए नियुक्त शिक्षकों के आने पर पहले से तैनात शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा सकेगा।
यह भी कहा कि लेखपालों का भी आकांक्षी जिलों में इसी आधार पर तबादला किया गया है। सभी विभागों के एक समान नीति लागू होनी चाहिए। कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए 20 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कहा गया है कि बेसिक शिक्षकों के लिए नीति घोषित करते समय राज्य सरकार की 2018 की स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया है।
सदानंद मिश्र और अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी है।
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याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा के लिए दो दिसंबर 2019 को जारी स्थानांतरण नीति की धारा 2/13 में प्रावधान किया है कि आठ आकांक्षी जिलों में उतने ही शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण किया जाएगा, जितने शिक्षक वहां से स्थानांतरण पर बाहर जाएंगे। इसमें सुरक्षाबलों पैरामिलिट्री फोर्स और आर्मी के परिवारवालों को छूट होगी।HOW TO MAKE MONEY FAST DOING SIMPLE WORK? Quick ways to make money fast
याची के अधिवक्ता का कहना है कि राज्य सरकार ने 29 मार्च 2018 को सभी विभागों के लिए स्थानांतरण नीति जारी की थी। इसमें आकांक्षी जिले चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के लिए प्रावधान किया गया है कि इन जिलों में तैनात किए गए कर्मचारियों से तैनाती के दो वर्ष बाद विकल्प लेकर स्थानांतरित किया जा सकेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण नीति में इस प्रावधान को लागू नहीं किया है।इसी प्रकार से राजकीय इंटर कॉलेजों के लिए प्रावधान है कि नए नियुक्त शिक्षकों के आने पर पहले से तैनात शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा सकेगा।
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अधिवक्ता का कहना था कि अकेले सोनभद्र जिले में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में करीब 1100 नई नियुक्तियां हुई हैं। राज्य सरकार की 2018 की नीति के मुताबिक इन जिलों में पहले से तैनात अध्यापकों का अंतरजनदीय तबादला किया जा सकता है।यह भी कहा कि लेखपालों का भी आकांक्षी जिलों में इसी आधार पर तबादला किया गया है। सभी विभागों के एक समान नीति लागू होनी चाहिए। कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए 20 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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दोबारा आवेदन नहीं करने के प्रावधान को भी चुनौती
प्रयागराज। बेसिक शिक्षकों के लिए जारी दो दिसंबर की स्थानांतरण नीति के प्रावधान 2/16 को भी कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि जो शिक्षक एक बार अंतरजनपदीय तबादले का लाभ ले चुके हैं, वह दोबारा ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकेंगे।
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कहा गया है कि अध्यापकों की सेवा नियमावली 1981 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इससे शिक्षक कभी अपने गृहनगर में तैनाती नहीं ले सकेंगे, क्योंकि पूर्व में तमाम ऐसे शिक्षकों ने अंतरजनपदीय तबादला स्वीकार कर लिया था, जिनका स्थानांतरण गृह नगर में नहीं किया गया था। कोर्ट ने इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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