राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के चयन को चुनौती, चयन सूची रद्द करने की मांग

राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेजों में संगीत के शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश से जवाब तलब किया है। उन अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिन पर बिना अर्हता के नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप लगाया है। याचिका में चयन सूची रद्द करने की मांग की गई है।

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प्रीति यादव व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर सुनवाई कर रहे हैं।
 याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना है कि लोक सेवा आयोग ने 18 मार्च 2018 को राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया। याची ने संगीत शिक्षक के लिए आवेदन किया। इस पद के लिए स्नातक में संगीत विषय और बीएड की डिग्री होना अनिवार्य है।

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 पांच अप्रैल 2010 को प्रोविजनल चयन सूची जारी की गई, जिसमें याची चयनित नहीं हुआ। उसका कहना है कि चयन सूची में कई ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं, जिनके पास बीएड की डिग्री नहीं है।
 ऐसे लोगों को शामिल करने से मेरिट काफी ऊपर चली गई, जिससे याची चयन से वंचित हो गया।

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 ऐसे 14 अभ्यर्थियों को याचिका में पक्षकार बनाया गया है। कोर्ट ने इस मामले में लोक सेवा आयोग व चयनित अभ्यर्थियों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।

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