परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू, इस तरह की पढ़ाई शुरू करने वाला यूपी पहला राज्य
परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने यूनिसेफ की मदद से तैयार मोबाइल एप से बच्चों को पढ़ाने की रणनीति बनाई है।
विभाग का दावा है कि देश में सबसे पहले यूपी में इस एप से बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है।
बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि लॉकडाउन में परिषदीय स्कूलों के बच्चों में टॉप पैरेंट मोबाइल एप से भाषा ज्ञान की नींव मजबूत की जा रही है।
बच्चों के होमवर्क में अभिभावकों की सहभागिता भी बनाई जा रही है।
चिम्पल मोबाइल एप से बच्चे खेल, पहेली, कहानी के जरिए पढ़ना-लिखना सीख रहे हैं। मै
मस्ती मोबाइल एप से रोचक तरीकों से न सिर्फ बच्चों में गणित का डर दूर किया जा रहा है, बल्कि बच्चों में गणित की नींव भी मजबूत की जा रही है। बोलो गूगल एप से बच्चों में हिंदी और अंग्रेजी पढ़ने की क्षमता का विकास किया जा रहा है।
दूरदर्शन और आकाशवाणी की भी लेंगे मदद
विजय किरन ने बताया कि जो बच्चे स्मार्टफोन एवं दीक्षा पोर्टल से नहीं जुड़ सकते हैं या सामग्री प्राप्त नहीं कर सकते हैं उनके लिए विभाग उप्र. दूरदर्शन पर एक से दो घंटे का कार्यक्रम शुरू करने का प्रयास कर रहा है।
विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शैक्षणिक वीडियो को दूरदर्शन से बच्चों तक पहुंचाया जाएगा।
बच्चों के पास टीवी की सुविधा भी नहीं है, उनके लिए यूनिसेफ की ओर से तैयार मीना की दुनिया, फुल ऑन निक्की और धड़कन को आकाशवाणी से प्रसारित किया जा रहा है। इसमें कुछ कार्यक्रम और बढ़ाने की योजना है।
एक हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप
विभाग ने बीएसए, बीईओ, स्टेट रिसोर्स पर्सन, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन और अध्यापकों के एक हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। यूनिसेफ की ओर से तैयार गतिविधियों के पोस्टर को सप्ताह में दो बार, आओ अंग्रेजी सीखें कार्यक्रम हर दिन लाखों बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है।
ब्लॉक स्तर पर 880 व्हाट्सएप ग्रुप से पाठ्यक्रम और ऑडियो बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन में बच्चों को घर बैठे खेल-खेल में पढ़ाने के साथ उनके लर्निंग आउटकम को बेहतर बनाने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की पहल की है।
यूपी पहला राज्य है जहां सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को इस तरह का कंटेंट घर बैठे उपलब्ध कराया जा रहा है।
- सतीश द्विवेदी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
बेसिक शिक्षा विभाग ने यूनिसेफ की मदद से तैयार मोबाइल एप से बच्चों को पढ़ाने की रणनीति बनाई है।
विभाग का दावा है कि देश में सबसे पहले यूपी में इस एप से बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है।
बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि लॉकडाउन में परिषदीय स्कूलों के बच्चों में टॉप पैरेंट मोबाइल एप से भाषा ज्ञान की नींव मजबूत की जा रही है।
बच्चों के होमवर्क में अभिभावकों की सहभागिता भी बनाई जा रही है।
चिम्पल मोबाइल एप से बच्चे खेल, पहेली, कहानी के जरिए पढ़ना-लिखना सीख रहे हैं। मै
मस्ती मोबाइल एप से रोचक तरीकों से न सिर्फ बच्चों में गणित का डर दूर किया जा रहा है, बल्कि बच्चों में गणित की नींव भी मजबूत की जा रही है। बोलो गूगल एप से बच्चों में हिंदी और अंग्रेजी पढ़ने की क्षमता का विकास किया जा रहा है।
दूरदर्शन और आकाशवाणी की भी लेंगे मदद
विजय किरन ने बताया कि जो बच्चे स्मार्टफोन एवं दीक्षा पोर्टल से नहीं जुड़ सकते हैं या सामग्री प्राप्त नहीं कर सकते हैं उनके लिए विभाग उप्र. दूरदर्शन पर एक से दो घंटे का कार्यक्रम शुरू करने का प्रयास कर रहा है।
विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शैक्षणिक वीडियो को दूरदर्शन से बच्चों तक पहुंचाया जाएगा।
बच्चों के पास टीवी की सुविधा भी नहीं है, उनके लिए यूनिसेफ की ओर से तैयार मीना की दुनिया, फुल ऑन निक्की और धड़कन को आकाशवाणी से प्रसारित किया जा रहा है। इसमें कुछ कार्यक्रम और बढ़ाने की योजना है।
एक हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप
विभाग ने बीएसए, बीईओ, स्टेट रिसोर्स पर्सन, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन और अध्यापकों के एक हजार से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। यूनिसेफ की ओर से तैयार गतिविधियों के पोस्टर को सप्ताह में दो बार, आओ अंग्रेजी सीखें कार्यक्रम हर दिन लाखों बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है।
ब्लॉक स्तर पर 880 व्हाट्सएप ग्रुप से पाठ्यक्रम और ऑडियो बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन में बच्चों को घर बैठे खेल-खेल में पढ़ाने के साथ उनके लर्निंग आउटकम को बेहतर बनाने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की पहल की है।
यूपी पहला राज्य है जहां सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को इस तरह का कंटेंट घर बैठे उपलब्ध कराया जा रहा है।
- सतीश द्विवेदी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
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