बीटीसी, बीएड डिग्रीधारकों ने लगाया उपेक्षा का आरोप ; दो अक्टूबर को दिल्ली में करेंगे शक्ति प्रदर्शन
अब बीएड टीईटी पास 2011 के पात्र अभ्यर्थी प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए टीईटी संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश के बैनर तले दो अक्तूबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। रविवार को आजाद पार्क में टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में प्रदेश सरकार की शैक्षिक अनीति के खिलाफ संघर्ष करने का फैसला किया गया।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के संजीव मिश्र एवं जितेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति असंवैधानिक है, समाजवादी पार्टी समय रहते टीईटी अभ्यर्थियों से सौतेला व्यवहार बंद नहीं करती तो पंचायत चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों को सहूलियत देने के प्रयास में लगी प्रदेश सरकार के खिलाफ बीटीसी व बीएड डिग्री धारकों ने मोर्चा खोल दिया है। दो अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए कस्बे के साकेत नगर में एक बैठक का आयोजन कर आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को झटका देते हुए शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द कर दिया।
लेकिन प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों को शिक्षामित्रों के पक्ष में पैरवी करने के चलते नाराज बीटीसी व बीएड डिग्री धारकों ने जवाबी आंदोलन की रणनीति तैयार करते हुए दो अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन कर केंद्र व प्रदेश सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने का ऐलान किया है।
इस संबंध में कस्बे के साकेत नगर में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बीटीसी व बीएडी डिग्रीधारकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। बैठक को संबोधित करते हुए मो. यूनुस ने कहाकि प्रदेश सरकार ने अयोग्य शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाकर उनका हक छीना है।
कोर्ट से फैसला आने के बावजूद भी प्रदेश व केंद्र सरकार उन्हें राहत देने की दिशा में कार्य कर रही हैं। जिसका हर स्तर पर जमकर विरोध किया जाएगा। दो अक्टूबर को अधिक से अधिक संख्या में बीएड व बीटीसी बेरोजगार दिल्ली पहुंचकर सरकारों को अपनी ताकत का परिचय दें।
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टीईटी संघर्ष मोर्चा के संजीव मिश्र एवं जितेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति असंवैधानिक है, समाजवादी पार्टी समय रहते टीईटी अभ्यर्थियों से सौतेला व्यवहार बंद नहीं करती तो पंचायत चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों को सहूलियत देने के प्रयास में लगी प्रदेश सरकार के खिलाफ बीटीसी व बीएड डिग्री धारकों ने मोर्चा खोल दिया है। दो अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए कस्बे के साकेत नगर में एक बैठक का आयोजन कर आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को झटका देते हुए शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द कर दिया।
लेकिन प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों को शिक्षामित्रों के पक्ष में पैरवी करने के चलते नाराज बीटीसी व बीएड डिग्री धारकों ने जवाबी आंदोलन की रणनीति तैयार करते हुए दो अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन कर केंद्र व प्रदेश सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने का ऐलान किया है।
इस संबंध में कस्बे के साकेत नगर में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बीटीसी व बीएडी डिग्रीधारकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। बैठक को संबोधित करते हुए मो. यूनुस ने कहाकि प्रदेश सरकार ने अयोग्य शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाकर उनका हक छीना है।
कोर्ट से फैसला आने के बावजूद भी प्रदेश व केंद्र सरकार उन्हें राहत देने की दिशा में कार्य कर रही हैं। जिसका हर स्तर पर जमकर विरोध किया जाएगा। दो अक्टूबर को अधिक से अधिक संख्या में बीएड व बीटीसी बेरोजगार दिल्ली पहुंचकर सरकारों को अपनी ताकत का परिचय दें।
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