सुप्रीमकोर्ट द्वारा दी गई विधि व्यवस्था ; निजी स्कूलों के अध्यापकों के वेतन पर विचार का निर्देश

            हाईकोर्ट ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय से संबद्ध प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापकों को राजकीय कोष से वेतन देने के मामले में निर्णय लेने का आदेश दिया है।
           सुप्रीमकोर्ट द्वारा दी गई विधि व्यवस्था के अनुसार कॉलेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को सरकारी खजाने से वेतन पाने का अधिकार है। जौनपुर के सुजानगंज स्थित दयावंत प्राइमरी पाठशाला के अध्यापकों ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने सुनवाई की।
            याची के अधिवक्ता अश्विनी कुमार मिश्र का तर्क था कि याचीगण की नियुक्ति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनुमोदित की है। सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य बनाम पवन कुमार द्विवेदी केस में व्यवस्था दी है कि कॉलेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को सरकारी खजाने से वेतन पाने का अधिकार है।
             बच्चों को अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा का अधिकार कानून के तहत राज्य सरकार का दायित्व है कि वह कॉलेजों को वित्तीय सहायता देने के मामले में अपनी नीति पर पुनर्विचार करे।
             हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार करने को कहा है। ऐसे विद्यालय जो आरटीई के प्रावधानों का पालन कर रहे हैं, उनको वित्तीय सहायता देने पर विचार करना चाहिए।
             कोर्ट ने याचिका के गुणदोष पर कोई विचार व्यक्त किए बिना प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में नियमानुसार उचित निर्णय ले।


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