SCHOOL EDUCATION : स्कूलों में आएगा नया सिलेबस, बदलेंगी किताबें, सरकार ने दिया ये आदेश
स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) में
15 साल बाद नए बदलाव होने जा रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पर आदेश देते हुए NCERT को नया सिलेबस तैयार करने के लिए कहा है।
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कोरोना संक्रमण काल के दौरान ही सरकार ने स्कूली शिखा में बदलाव का बड़ा फैसला लिया है।
15 साल बाद स्कूली शिक्षा में ये बदलाव आ रहा है। अब नए सिलेबस के साथ एनसीईआरटी से पूरा पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया है।
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) में 15 साल बाद बदलाव किए जा रहे हैं।
इस नई सेटिंग का नई दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। वहीं, नए साल के अगले साल मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि स्कूली शिक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरू हो चुका है।
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एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) से उम्मीद है कि नए पाठ्यक्रम के मुताबिक किताबों में जरूरी बदलाव होंगे।
स्कूली शिक्षा के लिए इस प्रक्रिया की शुरुआत विषयों के विशेषज्ञ करेंगे। इस मामले में दिसंबर 2020 तक अंतरिम रिपोर्ट दी जाएगी।
नया पाठ्यक्रम मार्च 2021 तक तैयार होने की संभावना है। नसीईआरटी (एनसीईआरटी) की किताबों में अभी तक केवल पांच बार, 1975, 1988, 2000 और 2005 में बदलाव हुआ है।
मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को निर्देश दिया है कि पाठ्यकर्मियों में बदलाव करते हुए यह ध्यान रखा जाए कि तथ्यों के अलावा और कुछ न हो।
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मंत्रालय ने कहा है कि पाठ्य पुस्तकों में उसताबी ज्ञान बहुत है। उनमें अतिरिक्त चीजें जैसे रचनात्मक सोच, जीवन से जुड़े कौशल, भारतीय संस्कृति, कला और अन्य चीजों को शामिल किया जाना चाहिए।
नए पाठ्यक्रम के हिसाब से कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक की सभी पुस्तकों में बदलाव होंगे।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार मंत्रालय ने एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) से कहा है कि वह ऐसे छात्रों के लिए प्रारंभिक पाठ्य सामग्री तैयार करे, जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
मंत्रालय ने एनसीईआरटी को कहा है कि कोरोना संक्रमण से उपजी महामारी के दौरान वह पूरक लेख सामग्री तैयार करे, खासतौर से उनके लिए, जिनके पास इंटरनेट उपलब्ध नहीं है।
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एनसीईआरटी प्रथम से पांचवीं कक्षा तक के लिए ऐसी पाठ्य सामग्री दिसंबर 2020 तक और छठवीं से 12 वीं तक के लिए जून 2021 तक चरणबद्ध तरीके से तैयार करे।
पाठ में बदलाव के साथ नए स्कूली सत्र में पुस्तकों को पूरी तरह बदल जाएगा।
अब किताबों में रचनात्मकता के अलावा भारत की संस्कृति और दूसरे बदलाव भी छात्रों के लिए उपलब्ध होंगे।
15 साल बाद नए बदलाव होने जा रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पर आदेश देते हुए NCERT को नया सिलेबस तैयार करने के लिए कहा है।
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कोरोना संक्रमण काल के दौरान ही सरकार ने स्कूली शिखा में बदलाव का बड़ा फैसला लिया है।
15 साल बाद स्कूली शिक्षा में ये बदलाव आ रहा है। अब नए सिलेबस के साथ एनसीईआरटी से पूरा पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया है।
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) में 15 साल बाद बदलाव किए जा रहे हैं।
इस नई सेटिंग का नई दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। वहीं, नए साल के अगले साल मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि स्कूली शिक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरू हो चुका है।
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नया पाठ्यक्रम मार्च 2021 तक तैयार होने की संभावना है। नसीईआरटी (एनसीईआरटी) की किताबों में अभी तक केवल पांच बार, 1975, 1988, 2000 और 2005 में बदलाव हुआ है।
मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को निर्देश दिया है कि पाठ्यकर्मियों में बदलाव करते हुए यह ध्यान रखा जाए कि तथ्यों के अलावा और कुछ न हो।
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नए पाठ्यक्रम के हिसाब से कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक की सभी पुस्तकों में बदलाव होंगे।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार मंत्रालय ने एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) से कहा है कि वह ऐसे छात्रों के लिए प्रारंभिक पाठ्य सामग्री तैयार करे, जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
मंत्रालय ने एनसीईआरटी को कहा है कि कोरोना संक्रमण से उपजी महामारी के दौरान वह पूरक लेख सामग्री तैयार करे, खासतौर से उनके लिए, जिनके पास इंटरनेट उपलब्ध नहीं है।
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एनसीईआरटी प्रथम से पांचवीं कक्षा तक के लिए ऐसी पाठ्य सामग्री दिसंबर 2020 तक और छठवीं से 12 वीं तक के लिए जून 2021 तक चरणबद्ध तरीके से तैयार करे।
पाठ में बदलाव के साथ नए स्कूली सत्र में पुस्तकों को पूरी तरह बदल जाएगा।
अब किताबों में रचनात्मकता के अलावा भारत की संस्कृति और दूसरे बदलाव भी छात्रों के लिए उपलब्ध होंगे।
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