15 हजार कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी मामला ; मांग पर अपनी सिफारिश देने के लिए 10 सदस्यीय कमेटी का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के करीब 15 हजार कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी देने की मांग पर अपनी सिफारिश देने के लिए 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव वित्त होंगे। सह अध्यक्ष प्रमुख सचिव कार्मिक बनाए गए हैं।
कमेटी में प्रमुख सचिव आवास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव सिंचाई, सचिव वित्त वेतन आयोग (वित्त सामान्य अनुभाग-3) और निदेशक पेंशन सदस्य होंगे। जबकि विशेष सचिव वित्त सामान्य अनुभाग-3 को सदस्य सचिव बनाया गया है।
इस संबंध में वित्त सचिव अजय अग्रवाल ने आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार कमेटी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की दो मांगों पर विचार विमर्श कर तीन महीने में सिफारिश देगी।
कमेटी जिन मांगों पर सिफारिश देगी उनमें पहली मांग यह है कि एक अप्रैल 2005 के पूर्व रेगुलर किए गए हजारों दैनिक वेतन भोगी, वर्कचार्ज और संविदा कर्मचारियों में से करीब 10 हजार कर्मचारियों की सेवा अवधि 10 साल से कम है।
ऐसे कर्मचारियों जिनकी सेवा अवधि दस साल से कम है उनको पेंशन दी जाए या नहीं, इस संबंध में कमेटी अपनी सिफारिश सरकार को देगी। अभी राज्य कर्मचारियों के बारे में सरकार की नीति यह है कि 10 साल की सेवा पूरी करने पर पेंशन मिलती है।
कमेटी जिस दूसरी मांग पर विचार कर अपनी सिफारिश देगी, वह मांग है कि प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में नियुक्त करीब पांच हजार कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर दस साल की सेवा पूरी करने पर पेंशन और ग्रेच्युटी दी जाए। अभी विकास प्राधिकरणों में लागू नीति के अनुसार 20 साल की सेवा पूरी करने पर इनके कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।
Keywords ; pension,gra...,workers,upgovt
कमेटी में प्रमुख सचिव आवास, प्रमुख सचिव लोक निर्माण, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव सिंचाई, सचिव वित्त वेतन आयोग (वित्त सामान्य अनुभाग-3) और निदेशक पेंशन सदस्य होंगे। जबकि विशेष सचिव वित्त सामान्य अनुभाग-3 को सदस्य सचिव बनाया गया है।
इस संबंध में वित्त सचिव अजय अग्रवाल ने आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार कमेटी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की दो मांगों पर विचार विमर्श कर तीन महीने में सिफारिश देगी।
कमेटी जिन मांगों पर सिफारिश देगी उनमें पहली मांग यह है कि एक अप्रैल 2005 के पूर्व रेगुलर किए गए हजारों दैनिक वेतन भोगी, वर्कचार्ज और संविदा कर्मचारियों में से करीब 10 हजार कर्मचारियों की सेवा अवधि 10 साल से कम है।
ऐसे कर्मचारियों जिनकी सेवा अवधि दस साल से कम है उनको पेंशन दी जाए या नहीं, इस संबंध में कमेटी अपनी सिफारिश सरकार को देगी। अभी राज्य कर्मचारियों के बारे में सरकार की नीति यह है कि 10 साल की सेवा पूरी करने पर पेंशन मिलती है।
कमेटी जिस दूसरी मांग पर विचार कर अपनी सिफारिश देगी, वह मांग है कि प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में नियुक्त करीब पांच हजार कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर दस साल की सेवा पूरी करने पर पेंशन और ग्रेच्युटी दी जाए। अभी विकास प्राधिकरणों में लागू नीति के अनुसार 20 साल की सेवा पूरी करने पर इनके कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।
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