UP TEACHERS TRANSFER : अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में चयनित शिक्षकों के स्थानांतरण पर जवाब तलब
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों
का चयन करने के बाद भी उनको चयनित विद्यालयों में स्थानांतरित नहीं करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ से जवाब तलब किया है।
उनको हलफनामा दाखिल कर बताने के लिए कहा है कि अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है।
उमेश कुमार वर्मा और नौ अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह सुनवाई कर रहे हैं।
याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना था कि याचीगण प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक हैं।
उनका चयन परिषद के इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए किया गया है। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद चयनित होने होने के बावजूद उनको अब तक अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में स्थानांतरित नहीं किया गया।
बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि कोविड 19 की गाइडलाइन के तहत सरकार ने सभी प्रकार के स्थानांतरण पर रोक लगा रखी है, इसलिए शिक्षकों को स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है।
अधिवक्ता का कहना था कि 12 मई को सरकार ने स्थानांतरण पर रोक लगाई है।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने 29 मई को जारी आदेश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों हेतु चयनित अध्यापकों को वहां तैनाती देने का निर्देश दिया है। इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
इस पर कोर्ट का कहना था कि सरकार ने तय किया है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षकों का स्थानांतरण और तैनाती अलग से की जाएगी। यह निर्णय स्थानांतरण पर रोक के आदेश के बावजूद सरकार ने लिया है तो यह समझ से परे है कि 12 मई के आदेश को आधार मान कर स्थानांतरण क्यों नहीं किए जा रहे हैं।
कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश पारित करने से पूर्व निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ को हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
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