79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में ; 15वां संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी

             प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में फंसती नजर आ रही है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई है।
             यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) लागू होने के बाद बसपा सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर नवम्बर 2011 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू की।
            लेकिन सपा सरकार ने टीईटी में गड़बड़ी को आधार बनाते हुए टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड पर दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी।  
           हालांकि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2013 में संशोधन को निरस्त करते हुए टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के आदेश दिए।
           हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी टीईटी मेरिट के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का अंतरिम आदेश कर दिया।
            सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 58 हजार से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जा चुकी है।
             जबकि पिछले चार साल में 15वें संशोधन को आधार मानते हुए ही एकेडमिक मेरिट पर लगभग 80 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने दो नवम्बर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 15वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं।
             सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइडलाइन मनमानी है। यह भी सवाल उठा है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकती है और क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना उचित है। इन सवालों ने पिछले चार साल में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है।
               क्योंकि यदि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो जाता है तो उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा भी रहेगा। इन सवालों को केन्द्र में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित है।
                एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई नियुक्तियां
- 9770 अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
- 10,800 अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
- 29,334 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
- 4,280 उर्दू अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
- 10,000 अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
- 15,000 अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई

15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था। जबकि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया। 15वां संशोधन निरस्त होने से रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थियों का हित प्रभावित हो रहा है।
प्रभाकर सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति

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