एनसीटीई के जवाब को अपने पक्ष में मान रही सरकार ; सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाने वाली एसएलपी में एनसीटीई का पत्र शामिल करने का फैसला

                    शिक्षामित्रों के मामले में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से प्राप्त हुए पत्र को अपने पक्ष में मानते हुए राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाने वाली विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) में इसे शामिल करने जा रही है।
                     शिक्षामित्र प्रकरण पर एनसीटीई का पत्र मिलने के बाद बुधवार को इस मुद्दे पर पहले मुख्यमंत्री सचिवालय और फिर मुख्य सचिव आलोक रंजन के कार्यालय में बैठक हुई।
                     मुख्य सचिव ने बताया कि शासन एनसीटीई की ओर से दिए गए जवाब को अपने पक्ष में मान रहा है। ऐसा मानते हुए शासन स्तर पर यह तय हुआ है कि एनसीटीई के पत्र को भी सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से दाखिल की जाने वाली एसएलपी का हिस्सा बनाया जाए।
                      एनसीटीई ने अपने पत्र में शिक्षामित्रों के संदर्भ में अप्रशिक्षित शिक्षक शब्द का इस्तेमाल किया है। सूत्रों के अनुसार शासन इसे अपने और शिक्षामित्रों के पक्ष में मान रहा है। लिहाजा एनसीटीई के पत्र को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली कानूनी लड़ाई में हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर सहमति बनी है।
                      बकौल मुख्य सचिव, शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराने वाले हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए दाखिल की जाने वाली एसएलपी के लिए सरकार की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

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