शिक्षामित्रों को बकाया वेतन व अन्य अवशेष देयों का भुगतान तत्काल ; न्याय विभाग से परामर्श मिलते ही बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन की मंजूरी
वेतन से वंचित करीब 1.36 लाख शिक्षामित्रों को सरकार ने बकाया वेतन का भुगतान करने का शासनादेश मंगलवार को जारी कर दिया है।
शासन ने शिक्षामित्रों को उनके बकाया वेतन व अन्य अवशेष देयों का भुगतान तत्काल करने का आदेश दिया है।
12 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर तकरीबन 1.36 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराने के बाद राज्य सरकार ने उनके वेतन भुगतान को अघोषित तौर पर रोक दिया था। इस बीच समायोजन से वंचित बाकी शिक्षामित्रों का वेतन भुगतान हुआ।
हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग की पूर्व प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा ने शिक्षामित्रों का वेतन भुगतान रोकने का आदेश 19 अक्टूबर को जारी किया था लेकिन उन्हें अगले ही दिन अपना आदेश वापस लेना पड़ा था। इसके बाद भी शिक्षामित्रों के वेतन भुगतान अघोषित रोक लगी रही।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाये जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान करने के बारे में न्याय विभाग से कानूनी राय मांगी थी।
न्याय विभाग ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग को अपनी कानूनी सलाह से अवगत करा दिया, यह कहते हुए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान करने में कोई कठिनाई नहीं है।
न्याय विभाग से यह परामर्श मिलते ही बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन की मंजूरी लेकर शिक्षामित्रों को वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया गया। सचिव बेसिक शिक्षा आशीष कुमार गोयल ने बताया कि शिक्षामित्रों को वेतन भुगतान करने के लिए जिलों को धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है।
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शासन ने शिक्षामित्रों को उनके बकाया वेतन व अन्य अवशेष देयों का भुगतान तत्काल करने का आदेश दिया है।
12 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर तकरीबन 1.36 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराने के बाद राज्य सरकार ने उनके वेतन भुगतान को अघोषित तौर पर रोक दिया था। इस बीच समायोजन से वंचित बाकी शिक्षामित्रों का वेतन भुगतान हुआ।
हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग की पूर्व प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा ने शिक्षामित्रों का वेतन भुगतान रोकने का आदेश 19 अक्टूबर को जारी किया था लेकिन उन्हें अगले ही दिन अपना आदेश वापस लेना पड़ा था। इसके बाद भी शिक्षामित्रों के वेतन भुगतान अघोषित रोक लगी रही।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाये जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान करने के बारे में न्याय विभाग से कानूनी राय मांगी थी।
न्याय विभाग ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग को अपनी कानूनी सलाह से अवगत करा दिया, यह कहते हुए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान करने में कोई कठिनाई नहीं है।
न्याय विभाग से यह परामर्श मिलते ही बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन की मंजूरी लेकर शिक्षामित्रों को वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया गया। सचिव बेसिक शिक्षा आशीष कुमार गोयल ने बताया कि शिक्षामित्रों को वेतन भुगतान करने के लिए जिलों को धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है।
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